या हुसैन के नारों से गूंजा महराजगंज, कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से निकला का मोहर्रम का जुलूस

जिले भर में इस्लामिक नववर्ष के पहले महीने मोहर्रम की दसवीं तारीख (आशूरा) के मौके पर मुस्लिम समुदाय द्वारा हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में ताजिया जुलूस निकाले गए। कई स्थानों पर हिंदू समुदाय के लोगों ने पानी, शरबत और ठंडे पेय पदार्थों की व्यवस्था कर साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 6 July 2025, 7:36 PM IST
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महराजगंज: जिले भर में इस्लामिक नववर्ष के पहले महीने मोहर्रम की दसवीं तारीख (आशूरा) के मौके पर मुस्लिम समुदाय द्वारा हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में ताजिया जुलूस निकाले गए। जिले के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कोल्हुई, नौतनवा, सोनौली, फरेंदा, लक्ष्मीपुर, निचलौल, सिसवा, घुघली, शिकारपुर, पनियरा, परतावल, मिठौरा, सिंदुरिया समेत अन्य कस्बों और गांवों में या हुसैन के नारों और ढोल-ताशों की गूंज के साथ वातावरण पूरी तरह मातमी हो गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कोल्हुई क्षेत्र के परसौना, सोनपिपरी, गुलहरिया, मोगलहा, मुड़ली, एकसड़वा आदि गांवों में पारंपरिक ताजिया निकालते हुए जुलूस कर्बला तक पहुंचा, जहां श्रद्धालुओं ने परिक्रमा कर मुरादें मांगी। युवा मातमी लिबास में करतब दिखाते नजर आए, तो महिलाएं और बच्चे भी श्रद्धा भाव से ताजिए के साथ चल रहे थे। ढोल-ताशों की धुन पर "या हुसैन" के नारों से माहौल भावुक और आस्था से परिपूर्ण रहा।

वहीं नौतनवा और सोनौली में भव्य जुलूसों का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। ताजिया जुलूस में न सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग बल्कि अन्य धर्मों के नागरिक भी शरीक हुए। मातमी गीत गाते हुए और हाथों में झंडे लिए जुलूस में चल रहे लोग शांति और भाईचारे का संदेश दे रहे थे। कई स्थानों पर हिंदू समुदाय के लोगों ने पानी, शरबत और ठंडे पेय पदार्थों की व्यवस्था कर साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की।

इस दौरान जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क और मुस्तैद नजर आया। पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी ने खुद जुलूस मार्गों का निरीक्षण किया। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती, ड्रोन कैमरों से निगरानी और चप्पे-चप्पे पर पुलिस की मौजूदगी ने सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाया। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली, जिससे आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।

मोहर्रम के इस अवसर पर जगह-जगह लंगर का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने एक साथ बैठकर भोजन किया। आयोजकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लोगों से एकता, भाईचारे और

बनाए रखने की अपील की।

इस आयोजन ने एक बार फिर महराजगंज जिले को सामाजिक समरसता और आपसी सौहार्द का उदाहरण बना दिया।

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