

शुक्रवार को फरेंदा में ठेकेदार संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष प्रभाकर उपाध्याय ने की,जिसमें जिलेभर के कई प्रमुख ठेकेदारों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य मुद्दा अभियंताओं द्वारा किए गए कथित अमानवीय व्यवहार पर चर्चा और उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग रहा।
ठेकेदार संघ की बैठक
Maharajganj: गोरखपुर में ठेकेदार लल्लन दूबे के साथ हुई मारपीट के विरोध में शुक्रवार को फरेंदा में ठेकेदार संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष प्रभाकर उपाध्याय ने की,जिसमें जिलेभर के कई प्रमुख ठेकेदारों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य मुद्दा अभियंताओं द्वारा किए गए कथित अमानवीय व्यवहार पर चर्चा और उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग रहा।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सहायक अभियंता और अवर अभियंता द्वारा ठेकेदार लल्लन दूबे के साथ की गई मारपीट निंदनीय है और यह आचरण न केवल ठेकेदार समाज का अपमान है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करता है। ठेकेदारों का कहना था कि इस घटना ने पूरे ठेकेदार समुदाय को आहत किया है और अब न्याय की लड़ाई लड़ना उनकी मजबूरी बन गई है। इस मौके पर ठेकेदार संजय प्रकाश सिंह ने प्रशासन से दोषी अभियंताओं पर तत्काल और कठोर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई नहीं की गई, तो ठेकेदार संघ लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीक़े से आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि ठेकेदार समाज की एकजुटता को नज़रअंदाज़ करना प्रशासन के लिए भारी पड़ सकता है। बैठक में मौजूद सभी ठेकेदारों ने इस मुद्दे पर एकमत होकर आवाज़ उठाई। ठेकेदारों ने संकल्प लिया कि इस प्रकरण में वे पीछे नहीं हटेंगे और कानूनी लड़ाई भी मजबूती से लड़ेंगे। ठेकेदार संघ ने साफ शब्दों में कहा कि दोषियों पर निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई ही ठेकेदार समाज का भरोसा कायम रख सकती है।
बैठक में हृदय पांडेय, सुनील राय, सिद्धार्थ पांडेय, वेदराज, हरिहर यादव, हरिनंदन उपाध्याय, मनीष सिंह, अभय सिंह, प्रमोद सिंह, अजय यादव,आशुतोष मिश्र और विजय पांडेय सहित कई ठेकेदार उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि अब ठेकेदार समाज किसी भी तरह का अपमान सहन नहीं करेगा और आवश्यकता पड़ने पर बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा। ठेकेदार संघ की इस बैठक ने साफ कर दिया कि लल्लन दूबे प्रकरण केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि पूरे ठेकेदार समाज की अस्मिता और गरिमा से जुड़ा मुद्दा है। संघ ने प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया है कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ठेकेदार समाज अपनी लड़ाई को जारी रखेगा।