

विजयादशमी पर महराजगंज जिले के त्रिमोहानी घाट पर दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। हजारों श्रद्धालु इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए।
कार्यक्रम में डीएम संतोष कुमार शर्मा और सुशील कुमार टिबड़ेवाल समेत कई लोगों ने लिया हिस्सा
Maharajganj: विजयादशमी पर्व पर महराजगंज जिले का त्रिमोहानी घाट भक्तिमय माहौल में डूब गया। गुरुवार को पूरे जिले से निकली दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन यहां बड़े ही श्रद्धा, आस्था और हर्षोल्लास के साथ किया गया। सुबह से ही श्रद्धालुओं का हुजूम घाट पर जुटना शुरू हो गया था, जो देर रात तक जारी रहा। माता रानी के जयकारों से वातावरण गूंजता रहा और घाट पर आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला।
प्रशासन ने संभाली कमान
इस भव्य आयोजन की कमान जिला प्रशासन ने अपने हाथ में रखी। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा स्वयं घाट पर मौजूद रहे और पूरे कार्यक्रम की निगरानी करते रहे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो और भीड़ का प्रबंधन शांतिपूर्ण ढंग से किया जाए। सुरक्षा, साफ-सफाई और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी जिलाधिकारी ने विशेष ध्यान दिया।
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सुरक्षा के कड़े इंतजाम
विसर्जन स्थल पर पुलिस बल, पीएसी, गोताखोर, एनडीआरएफ टीम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात की गई थीं। नायब तहसीलदार देशदीपक त्रिपाठी और सीडीएम सदर जितेंद्र कुमार भी मौके पर मौजूद रहे। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए बैरिकेडिंग की गई थी और जल पुलिस लगातार नाव के जरिए गंगा की धाराओं पर नजर बनाए हुए थी।
जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों की मौजूदगी
इस अवसर पर जिले के कई जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी श्रद्धालुओं के बीच पहुंचे। दुर्गा मंदिर महराजगंज के संस्थापक व पूर्व मंत्री अध्यक्ष सुशील कुमार टिंबडेवाल, सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया, सभासद अमितेश गुप्ता, भाजपा नेता आकाश श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में शिरकत की। सभी ने माता रानी के चरणों में नमन किया और श्रद्धालुओं का उत्साहवर्धन किया।
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भक्तिमय माहौल और उत्साह
श्रद्धालु जय माता दी के नारों और डीजे की धुन पर झूमते-नाचते प्रतिमाओं को लेकर घाट की ओर बढ़े। रंग-बिरंगी झांकियों और शोभायात्राओं से माहौल मनमोहक हो उठा। विसर्जन से पहले विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद प्रतिमाओं को श्रद्धापूर्वक नदी की लहरों में विसर्जित किया गया।
खुशहाली की कामना
विसर्जन के इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने परिवार की सुख-समृद्धि और समाज में शांति-समरसता की कामना की। लोगों का कहना था कि विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और माता रानी की कृपा से हर घर में खुशहाली बनी रहे।