

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है। पूरी खबर के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी (सोर्स- इंटरनेट)
लखनऊः उत्तर प्रदेश के लखनऊ जनपद से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर यह है कि विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि प्रोफेसर डॉ.माद्री को पहलगाम हमले पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ और आज यानी सोमवार को कोर्ट ने उन्हें अंतरिम अग्रिम जमानत दी है।
हसनगंज थाने में दर्ज हुआ मुकदमा
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने बताया कि प्रोफेसर डॉ.माद्री काकोटी के खिलाफ लखनऊ के हसनगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें उन पर पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर काफी विवाद हुआ था। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया।
जानें पोस्ट में क्या लिखा था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रोफेसर डॉ.माद्री ने पहलगाम हमले के अगले दिन सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ एक पोस्ट साझा किया था। जिसके बाद यह सारा हंगामा शुरू हुआ। पोस्ट में प्रोफेसर ने लिखा कि 'धर्म पूछकर गोली मारना आतंकवाद है और धर्म पूछकर लंच करना, धर्म पूछकर नौकरी से निकालना, धर्म पूछकर घर न देना, धर्म पूछकर घर गिराना वगैरह-वगैरह भी आतंकवाद है। असली आतंकी को पहचानो।'
पहले लखनऊ में हुआ था खारिज
बता दें कि प्रोफेसर की पहले अंतरिम जमानत को लखनऊ में खारिज कर दिया था। उनकी यह अग्रिम जमानत अर्जी को एडीजे उमाकांत जिंदल ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद उन्हें अब जमानत की अर्जी मिली है।
मामले की मुख्य बातें
एफआईआर दर्ज होने का कारण: डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ हसनगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें उन पर देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया था।
प्रोफेसर पर आरोप: प्रोफेसर पर यह आरोप लगाया गया था कि उनके पोस्ट पाकिस्तान के मीडिया चैनलों पर भी साझा किए जा रहे थे और वह देश में दंगे भड़काने की योजना बना रही थीं।
कानूनी कार्रवाई: पुलिस ने डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें धारा 196(1)(a), 197(1), 302, 152, 352 और 353(2) शामिल हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय की कार्रवाई: विश्वविद्यालय ने डॉ. माद्री काकोटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है कि उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई क्यों न की जाए।