

लखनऊ के दुबग्गा पावर हाउस से बिजली आपूर्ति में गंभीर संकट ने लगभग 50,000 लोगों को परेशान कर दिया है। बारिश के दौरान हुई बिजली कटौती से पानी, खाना और सफाई की समस्याएं उत्पन्न हो गईं। लोग पानी और भोजन के लिए बाहर से निर्भर हो गए। बार-बार शिकायत करने पर भी अधिकारियों ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया, जिससे गुस्साए लोग प्रदर्शन करने पहुंचे।
लखनऊ की कॉलोनियों में बिजली संकट पर बवाल (Img- Internet)
Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की कई कॉलोनियों में बिजली की किल्लत ने 50,000 लोगों को प्रभावित कर दिया। दुबग्गा पावर हाउस से बिजली आपूर्ति बाधित होने के बाद, कॉलोनीवासी गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। भारी बारिश के बीच, बिना बिजली के घरों में पानी की मोटरें बंद हो गईं, जिससे पीने का पानी खत्म हो गया। लोग मजबूरी में बाहर से पानी खरीदने पर विवश हो गए।
रविवार शाम 6 बजे बिजली गुल
दुबग्गा उपकेंद्र से रविवार शाम 6 बजे बिजली कट गई, जिससे अक्षरा कॉलोनी समेत आसपास की आधा दर्जन कॉलोनियों में अंधेरा छा गया। इस घटना ने लोगों के दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। पावर हाउस पर प्रदर्शन करने पहुंचे सैकड़ों लोग गुस्से में थे। उनका कहना था कि बिजली विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया और न ही अधिकारियों ने उनकी शिकायतों का सही तरीके से समाधान किया।
पीड़ितों ने बताई परेशानी
जमाल और अनुराग जैसे उपभोक्ताओं ने बताया कि बिजली न होने से उनके घरों की पानी की मोटरें भी बंद हो गईं। इसके कारण घरों में पीने का पानी नहीं बचा। नहाना, खाना बनाना और सफाई का काम पूरी तरह से ठप हो गया। 27 घंटे तक बिजली कटने के बाद इन्वर्टर भी काम करना बंद कर गए। इसके बाद कई परिवार होटल या ऑनलाइन ऐप्स से खाना मंगवाने के लिए मजबूर हुए।
बिजली विभाग की कोई प्रतिक्रिया
लोगों ने शिकायत की कि उन्होंने बार-बार बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला। हेल्पलाइन 1912 पर फोन करने पर भी "काम चल रहा है" का जवाब दिया जाता है और फिर फोन काट दिया जाता है। इस बीच, बारिश के कारण बिजली की लाइन ट्रिप हो जाती है और ठीक होने में घंटों या कभी-कभी पूरे दिन लग जाते हैं।
कॉलोनीवासियों का आरोप
कॉलोनीवासियों ने आरोप लगाया कि लोकल अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। प्रदर्शकारियों ने पावर हाउस में नारेबाजी करते हुए यह भी कहा कि इस समस्या का समाधान शीघ्र किया जाए, ताकि उनकी परेशानियों में कमी आ सके।
विभाग क्यों है चुप
बिजली की स्थिति पर विभाग की चुप्पी ने लोगों को और अधिक गुस्से में डाल दिया। उनका कहना था कि वे अब तक यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर बिजली कटौती की कोई ठोस वजह क्यों नहीं बताई जाती। लगातार शिकायतों के बावजूद अधिकारी न तो जवाब दे रहे हैं और न ही समस्या को सुलझाने के लिए कोई गंभीर कदम उठा रहे हैं। इस संकट ने लोगों की सहनशक्ति को भी परख लिया। समय पर बिजली न आने से कई लोग मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं और इस मामले में शीघ्र समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं।