

भारी बारिश और बर्फ पिघलने के कारण शारदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, रामनगर का पैंटून पुल बह गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
जलस्तर बढ़ने से बहा पैंटून पुल
लखीमपुर खीरी: उत्तराखंड के पहाड़ों पर हुई भारी बारिश और बर्फ पिघलने के कारण शारदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिसके चलते लखीमपुर खीरी के बिजुआ क्षेत्र में रामनगर का पैंटून पुल बह गया। इसके साथ ही पचपेड़ी घाट का पैंटून पुल भी जलस्तर बढ़ने से प्रभावित हुआ, जिसके कारण वहां आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह स्थिति सामान्य समय से करीब 15 दिन पहले उत्पन्न हुई है, जिससे स्थानीय लोगों के सामने आवागमन का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। सुतिया नाले में भी पानी का स्तर बढ़ने से पैदल और वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है, जिसके कारण जरूरतमंद लोग नदी पार करने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं।
यातायात पूरी तरह बाधित
वहीं शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से पचपेड़ी घाट के पैंटून पुल पर यातायात पूरी तरह बंद हो गया है। यह पुल लखीमपुर से फूलबेहड़ होते हुए निघासन जाने का सबसे छोटा और सुविधाजनक रास्ता था, जिसकी दूरी मात्र 33 किलोमीटर थी। अब इस पुल के बंद होने से लोगों को शारदानगर और ढखेरवा चौराहे के रास्ते 64 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ रहा है। इस मार्ग का उपयोग रकेहटी, बसरोला, करमूपुरवा, अमीरखान पुरवा और अदलाबाद जैसे गांवों के लोग करते थे। अनुमान है कि इस पुल के बंद होने से करीब 10,000 से अधिक लोगों का रोजाना का आवागमन प्रभावित हुआ है।
इसी तरह, बिजुआ के रामनगर में बना पैंटून पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे क्षेत्र में एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। इस पुल के माध्यम से बिजुआ से निघासन की दूरी केवल 25 किलोमीटर थी, लेकिन अब यह दूरी बढ़कर 70 किलोमीटर से अधिक हो गई है। इस मार्ग से रोजाना 200 से 300 लोग आवागमन करते थे। रामनगर, मुर्गहाबल्ली, रामपुर, मझगई, दौलतपुर और बम्हनपुर जैसे गांवों के लोग अब इस संकट से जूझ रहे हैं। विशेष रूप से रामनगर के उन किसानों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है, जिनके खेत नदी के दूसरी ओर हैं। पहले वे 10 मिनट में अपने खेतों तक पहुंच जाते थे, लेकिन अब उन्हें 70 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना होगा।
बारिश और बर्फ पिघलने के कारण बढ़ा जलस्तर
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के जूनियर इंजीनियर रामचंद्र वर्मा ने बताया कि उत्तराखंड में बारिश और बर्फ पिघलने के कारण नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। सामान्य तौर पर 15 अक्टूबर से 15 जून तक चलने वाले इन पैंटून पुलों को समय से पहले बंद करना पड़ा है। सरकार ने भी बाढ़ के खतरे को देखते हुए इन पुलों को हटाने का आदेश जारी कर दिया है।