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कानपुर देहात में प्रशासनिक लापरवाही का शर्मनाक मामला सामने आया, जहां एक जीवित बुज़ुर्ग महिला कुंती देवी को सरकारी रिकॉर्ड में “मृत” घोषित कर दिया गया। इस गलत रिपोर्ट के कारण उनकी वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी गई। महिला कई महीनों तक साबित करती रहीं कि वे जिंदा हैं।
अपने जिंदा होने की गवाही देती बुजुर्ग महिला
Kanpur Dehat: इंसानी त्रासदी और प्रशासनिक लापरवाही का मार्मिक मामला कानपुर देहात जिले के सरवनखेड़ा ब्लॉक क्षेत्र की तिलौंची ग्राम पंचायत में सामने आया है, जहां एक जीवित बुज़ुर्ग महिला को सरकारी रिकॉर्ड में “मृत” दिखा दिया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवददाता के अनुसार, इस गलत रिपोर्ट का असर इतना भयावह रहा कि उनकी वृद्धावस्था पेंशन तुरंत बंद कर दी गई। बुज़ुर्ग कुंती देवी अपनी ज़िन्दगी का सबूत खुद लिए गांव से तहसील तक दर-दर भटकती रहीं, पर कागजों के आगे उनकी सांसें भी कम पड़ रही थीं।
पीड़िता कुंती देवी ने बताया कि कई महीनों से पेंशन नहीं मिल रही थी। जब वह अधिकारियों से कारण पूछने गईं, तो पता चला कि ग्राम सचिव ने उन्हें मृत घोषित करके रिपोर्ट भेज दी है। यह सुनकर बुज़ुर्ग फफक पड़ीं और बोलीं “मैं जिंदा हूं साहब… मेरी धड़कन चल रही है, फिर रिकॉर्ड में मुझे मरा हुआ क्यों बताया गया?” उनकी इस पीड़ा को सुनकर ग्रामीण भी आक्रोशित हो उठे और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे।
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जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई। जांच में पुष्टि हुई कि ग्राम पंचायत अधिकारी खुशबू श्रीवास्तव ने गलत रिपोर्ट भेजते हुए कुंती देवी को मृत दर्शाया था, जिसके आधार पर उनकी पेंशन रोक दी गई। यह लापरवाही केवल एक कागज की गलती नहीं, बल्कि एक जीवित महिला की गरिमा और अधिकारों पर गहरी चोट थी।
जिलाधिकारी के निर्देश पर डीपीआरओ ने ग्राम सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही पंचायत एवं जिला स्तर पर विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है, ताकि यह पता चल सके कि यह गलती लापरवाही थी या किसी अन्य उद्देश्य से की गई साजिश।
कुंती देवी की पेंशन शीघ्र बहाल किए जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। लेकिन यह घटना प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न छोड़ गई है कि क्या हमारी व्यवस्था में एक बुज़ुर्ग की ज़िन्दगी का मूल्य केवल एक गलत भरी रिपोर्ट से तय हो जाएगा?