

नदीगांव के परावर गांव में ग्राम प्रधान पर लाखों के घोटाले का आरोप लगा है। जांच में फर्जी भुगतान और बिना काम के पेमेंट की पुष्टि हुई है। प्रधान मौके से फरार हो गया है।
सड़क की जांच में लगी टीम
Jalaun: नदीगांव विकास खंड के ग्राम परावर में ग्राम प्रधान के कथित लाखों रुपये का घोटाला एक बार फिर से चर्चा में है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद जांच के लिए पहुंची अधिकारियों की टीम ने भी इस घोटाले की पुष्टि की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जानकारी मिली थी कि ग्राम परावर के निवासी श्याम शरण, योगेंद्र सिंह, संतोष सिंह और पूर्व प्रधान सुरेश सिंह ने उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपकर ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार की पोल खोली थी। शिकायत में कहा गया कि 15 साल पहले भूमि संरक्षण विभाग द्वारा जगराम के खेत पर बंधा बनाया गया था, जिसके लिए दोबारा फर्जी भुगतान निकाला गया। इसके अलावा, श्याम शरण की कोठी से लवकुश उच्च माध्यमिक विद्यालय तक नाले की खुदाई के नाम पर फर्जी भुगतान दिखाया गया।
ग्रामीणों ने लगाया ये आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मेड़बंदी और समतलीकरण के नाम पर मानसिंह, सुरेश सिंह और कुलदीप सिंह के खेतों में कोई काम नहीं हुआ, लेकिन कागजों में लाखों रुपये का भुगतान दर्शाया गया। जांच के दौरान मौके पर मौजूद पंचायत मित्र देवेंद्र पाल कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। ग्रामीणों का कहना है कि जो थोड़ा-बहुत पैसा मजदूरों के खातों में डाला गया, वह भी धोखाधड़ी का हिस्सा था, क्योंकि गांव के 75 प्रतिशत मजदूर अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं।
मामले की जांच के लिए पहुंची टीम
जांच के लिए पहुंची भूमि संरक्षण और नलकूप विभाग की टीम ने घोटाले की गंभीरता को देखते हुए मामले की गहन पड़ताल शुरू की है। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि जांच के दौरान प्रधान मौके से फरार हो गया, जिससे उसकी संलिप्तता पर और सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पहले भी कई बार ऐसी शिकायतें की गईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या भूमि संरक्षण अधिकारी और नलकूप विभाग के जेई इस मामले में कड़ा कदम उठाएंगे या यह मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषी प्रधान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।