

जालौन में यमुना जल मार्ग से सूर्य मंदिर को जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
सूर्य मंदिर का किया गया निरीक्षण
जालौन: यूपी के जालौन जिले के मदरालालपुर गांव में यमुना नदी के तट पर स्थित पौराणिक सूर्य मंदिर को अगर कालपी के व्यास मंदिर से यमुना जल मार्ग के माध्यम से जोड़ दिया जाए, तो यह क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि कालपी से सूर्य मंदिर तक मोटरबोट या स्टीमर सेवा शुरू करने से न केवल पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को भी नई पहचान मिलेगी। हाल ही में जिलाधिकारी ने सूर्य मंदिर का निरीक्षण किया।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, कालपी, जिसे धर्म नगरी के रूप में जाना जाता है, हिंदू वेदों और पुराणों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्मस्थान है। यहां यमुना तट पर दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित भव्य बाल वेद व्यास मंदिर स्थित है, जो देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। दूसरी ओर, मदरालालपुर का सूर्य मंदिर अपनी पौराणिक और आध्यात्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे में अगर इन दोनों धार्मिक स्थलों को यमुना जल मार्ग से जोड़ दिया जाए, तो पर्यटकों को एक अनूठा और आनंददायक अनुभव प्राप्त होगा।
खूबसूरत वादियों के बीच मिलेगा जल यात्रा का अवसर
गौरतलब है कि वर्तमान में कालपी से सूर्य मंदिर तक सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए लगभग 45 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जबकि यमुना नदी के जल मार्ग से यह दूरी मात्र 12 से 15 किलोमीटर रह जाती है। जल मार्ग न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि पर्यटकों को यमुना की खूबसूरत वादियों के बीच एक यादगार जल यात्रा का अवसर भी प्रदान करेगा। मोटरबोट या स्टीमर की सुविधा शुरू होने से पर्यटक दोनों धार्मिक स्थलों की यात्रा आसानी से कर सकेंगे, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलेगा।
लंबे समय से उठाई जा रही मांग
वहीं इस प्रस्ताव को लेकर स्थानीय स्तर पर लंबे समय से मांग उठ रही है। कई बार इस संबंध में प्रशासन और सरकार को पत्र लिखे जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को भी इस विषय में एक प्रार्थना पत्र सौंपा गया है। हाल ही में जालौन के जिलाधिकारी राजेश पाण्डेय ने सूर्य मंदिर का दौरा किया और इसे सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही। अगर इस विकास योजना के तहत कालपी के व्यास मंदिर से सूर्य मंदिर तक जल मार्ग को विकसित कर स्टीमर सेवा शुरू की जाती है, तो यह क्षेत्र पर्यटन के नक्शे पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सकता है।
स्थानीय निवासियों और पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि यह जल मार्ग न केवल पर्यटकों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। होटल, परिवहन और अन्य पर्यटन-संबंधी व्यवसायों को इससे नया प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, यमुना नदी के किनारे बसे इन धार्मिक स्थलों की महत्ता को देश-विदेश में और अधिक प्रचारित करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना को जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में प्रशासन और सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि जालौन का पर्यटन क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छू सके।
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