

कथावाचक और ब्राह्मण यजमान के बीच हुए विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। दरअसल इस मामले की जांच अब जिले के बाहर की पुलिस के हाथों में दी गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
दूसरे जिला की पुलिस को सौपी गई जांच
इटावा: जिले में हाल ही में यादव कथावाचक और ब्राह्मण यजमान के बीच हुए विवाद और मुकदमेबाजी ने नया मोड़ ले लिया है। दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमे दर्ज कराए गए थे। अब इस मामले में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए शासन ने दोनों मुकदमों की जांच झांसी पुलिस को सौंप दी है।
एसएसपी इटावा के अनुरोध पर शासन का फैसला
इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) द्वारा शासन को भेजे गए पत्र के बाद यह फैसला लिया गया। एसएसपी ने अनुरोध किया था कि चूंकि मामला स्थानीय भावनाओं और सामाजिक जातिगत समीकरणों से जुड़ा है, ऐसे में स्थानीय पुलिस पर निष्पक्षता बनाए रखने का दबाव हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए शासन ने झांसी पुलिस को दोनों मुकदमों की जांच सौंपी है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, एक यादव समाज से आने वाले कथावाचक ने हाल ही में इटावा के एक क्षेत्र में कथा का आयोजन किया था। इस आयोजन के दौरान कथित रूप से ब्राह्मण यजमान और कथावाचक के बीच वाद-विवाद हो गया। दोनों ओर से आरोप लगाए गए कि धार्मिक आयोजन की गरिमा भंग हुई और जातिगत टिप्पणी की गई। इस विवाद के चलते पहले ब्राह्मण यजमान की ओर से कथावाचक पर केस दर्ज कराया गया, जिसके बाद कथावाचक ने भी जवाबी कार्रवाई में ब्राह्मण यजमान पर मुकदमा दर्ज कराया।
दोनों पक्षों में तनाव
घटना के बाद से इलाके में सामाजिक तनाव का माहौल बन गया था। स्थानीय पुलिस व प्रशासन ने तत्काल स्थिति को नियंत्रित किया। हालांकि दोनों पक्षों की ओर से बढ़ते सामाजिक दबाव और विरोध को देखते हुए पुलिस विभाग ने यह मामला किसी तटस्थ एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की थी।
अब क्या होगा?
शासन के आदेश के बाद झांसी पुलिस अब दोनों एफआईआर की जांच अपने स्तर पर करेगी। इसके लिए इटावा पुलिस से संबंधित केस फाइल, बयान और साक्ष्य झांसी पुलिस को ट्रांसफर किए जाएंगे। झांसी पुलिस दोनों मामलों में तथ्यों की निष्पक्षता से जांच कर निष्कर्ष शासन को सौंपेगी।
एसएसपी इटावा का बयान
एसएसपी इटावा ने बताया यह मामला संवेदनशील था और जातीय भावनाओं से जुड़ा हुआ था। निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए हमने शासन से अनुरोध किया था। जिसे स्वीकार कर झांसी पुलिस को जांच सौंपी गई है। अब दोनों पक्षों को निष्पक्ष जांच का भरोसा मिलेगा।