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बागपत में ‘सिगरेट वाला बाबा’ लोगों को सिगरेट के धुएं से इलाज का दावा कर रहे हैं। श्रद्धालु आस्था मानते हैं, कई इसे अंधविश्वास और वसूली का खेल बता रहे हैं। प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
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Baghpat: बागपत जिले के दोघट थाना क्षेत्र में एक अनोखा और विवादास्पद दरबार चर्चा में है। यहां इलाज होता है सिर्फ… सिगरेट के धुएं से। कोई डॉक्टर नहीं, कोई दवा नहीं, न जांच की जरूरत। बस बाबा के सामने बैठो, सिगरेट का धुआं लगाओ और मानो संकट समाप्त। लोग इसे आस्था का चमत्कार मानते हैं, वहीं कई इसे खुले अंधविश्वास और अवैध वसूली का खेल बता रहे हैं। इस दरबार के केंद्र में हैं सिगरेट वाले बाबा, जिनका असली नाम सुरेंद्र उर्फ शौकीन बताया जा रहा है।
मूंगफली वाले से ‘चमत्कारी बाबा’ तक
करीब एक साल पहले तक बाबा सड़क किनारे मूंगफली बेचते थे। अचानक उनकी किस्मत बदल गई और अब वे सिगरेट के धुएं से सिरदर्द, बुखार, बदन दर्द, रोजगार संकट, पारिवारिक कलह और भूत-प्रेत तक ठीक करने का दावा करते हैं। दिल्ली, हरियाणा और बागपत के आसपास के जिलों से श्रद्धालु दरबार में आते हैं।
पर्चा कटने से लेकर धुएं तक पूरी व्यवस्था
दरबार की व्यवस्था पूरी तरह व्यवस्थित है। दर्शन से पहले पर्चा कटता है। सामान्य पर्चा ₹100 और इमरजेंसी पर्चा ₹300। छह युवक पर्चा काटते हैं। नंबर आने पर श्रद्धालु बाबा के सामने बैठते हैं। करीब 30-40 सेकंड तक भजन बजते हैं, बाबा गर्दन घुमाते हैं और माहौल रहस्यमय बना देते हैं। फिर बाबा सिगरेट का कश लेकर सीधे धुआं छोड़ते हैं और दावा करते हैं कि समस्या समाप्त हो गई।
प्रसाद में सिगरेट और बतासे
दरबार में प्रसाद के रूप में सिगरेट और बतासे चढ़ाए जाते हैं। श्रद्धालु बाहर से ये प्रसाद नहीं ला सकते; बाबा की दुकान से ही खरीदना अनिवार्य है। इस नाम पर रोजाना अच्छी-खासी रकम वसूली जा रही है। दरबार में वीडियोग्राफी पर पूरी तरह रोक है।
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बाबा की पृष्ठभूमि और विवाद
बाबा खुद 8वीं पास हैं और किसी धार्मिक या सिद्ध परंपरा से जुड़े होने का दावा नहीं करते। हालांकि वहां आए लोग मानते हैं कि धुएं से हर बीमारी का इलाज संभव है। सवाल यह है कि यह आस्था का मामला है या खुले अंधविश्वास और धोखाधड़ी।
प्रशासन पर सवाल
दरबार के इस तरह के संचालन से स्थानीय प्रशासन और कानून की भी चिंता बढ़ रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन इस पूरे मामले पर कब तक संज्ञान लेगा और कब तक ऐसे दरबारों पर रोक लगेगी।