

कोल्हुई के लोटन तिराहे पर लंबे समय से मौजूद गड्ढे को प्रशासन ने भरवा दिया है। खबर ने जागरूकता फैलाई है, जिससे सड़क सुधरी और लोगों को राहत मिली है। यहां पढ़ें क्या है पूरा मामला
लोटन तिराहे पर गड्ढा भरा गया
Maharajganj: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद में एक बार भी डाइनामाइट न्यूज़ की खबर का सकारात्मक असर देखने को मिला है। कोल्हुई कस्बे के लोटन तिराहे पर लंबे समय से मौजूद गड्ढे, जो स्थानीय लोगों और यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे, उस आखिरकार जिम्मेदार अधिकारियों ने भरवा दिया।
दरअसल, यह कार्रवाई डाइनामाइट न्यूज़ द्वारा 28 जून को इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद हुई, जिसने प्रशासन को त्वरित कदम उठाने के लिए मजबूर किया। लोटन तिराहा, जो कोल्हुई कस्बे का एक व्यस्त और महत्वपूर्ण चौराहा है, वहां सड़क पर बना गड्ढा न केवल आवागमन में बाधा डाल रहा था, बल्कि दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहा था।
स्थानीय निवासियों ने की थी शिकायत
स्थानीय निवासियों और दुकानदारों ने कई बार इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही थी। बारिश के मौसम में गड्ढा और गहरा हो गया था, जिससे दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। डाइनामाइट न्यूज़ ने इस समस्या को अपनी खबर में प्रमुखता से उठाया।
गड्ढे के भरने से लोगों को राहत
अधिकारियों ने खबर पर लिया संज्ञान
वहीं खबर प्रकाशित होने के बाद, जिम्मेदार अधिकारियों ने तुरंत संज्ञान लिया और गड्ढे को भरने का कार्य शुरू करवाया। अब तिराहे की सड़क को समतल कर दिया गया है, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिली है। स्थानीय लोगों ने कहा, "यह गड्ढा हमें रोज परेशान करता था। डाइनामाइट न्यूज़ की खबर के बाद ही प्रशासन हरकत में आया। अब सड़क पर चलना आसान हो गया है।" कई लोगों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसी पत्रकारिता से जनता की समस्याओं का समाधान तेजी से होता है।
इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन से अपील की गई है कि भविष्य में ऐसी समस्याओं पर समय रहते ध्यान दिया जाए, ताकि जनता को परेशानी न झेलनी पड़े।
गौरतलब है कि इससे पहले लोटन तिराहा पर बना गड्ढा विशेष रूप से बारिश के मौसम में और खतरनाक हो जाता, क्योंकि पानी भरने से इसकी गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल था। स्थानीय निवासियों ने बताया कि रात के समय यह गड्ढा और भी जोखिम भरा हो जाता है, क्योंकि खराब स्ट्रीट लाइटिंग के कारण इसे देख पाना मुश्किल होता है। लेकिन अब प्रशासन की तरफ से ये समस्या हल कर दी गई है।