

महराजगंज में ग्राम सभा की जमीन पर कब्जे का मामला सामने आया हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नौतनवा तहसील के धरना देते पीड़ित
महराजगंज: तहसील नौतनवां के ग्राम मनवलिया टोला करौता निवासी विक्रम पासवान ने गांव की सार्वजनिक जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे और प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ आवाज़ बुलंद करते हुए आगामी 17 जून 2025 से सपरिवार आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की है। पीड़ित ने इस पूरे मामले में तहसील प्रशासन पर मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
विक्रम पासवान के अनुसार ग्राम सभा की गाटा संख्या 485/0/65 में से 0.006 हे. और 0.004 हे. भूमि प्राथमिक विद्यालय के लिए सुरक्षित है, जबकि गाटा संख्या 491 मि/0.162 हे. और 492 मि/0.130 हे. भूमि में से 0.016 हे. सड़क के लिए आरक्षित है। लेकिन इन सार्वजनिक भूमियों पर गांव के ही रामरामुझ पुत्र मोहर, रामजतन पुत्र मोती (पूर्व प्रधान) और रामहित पुत्र बसन्त द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर पक्के मकान बना दिए गए हैं।
पीड़ित का कहना है कि इस अवैध निर्माण की शिकायत उन्होंने कई बार तहसील प्रशासन से की। यहां तक कि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद और अपर जिलाधिकारी महराजगंज द्वारा 2021 में ही बेदखली का आदेश पारित किया गया था। लेकिन प्रशासन द्वारा अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन ने केवल औपचारिकताएं निभाते हुए 31 मई 2023, 21 नवंबर 2024 और 13 मई 2025 को कब्जाधारियों को नोटिस जारी किए, लेकिन उनका कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विक्रम पासवान ने बताया कि उन्होंने 2021 से अब तक IGRS पोर्टल के माध्यम से भी कई शिकायतें की हैं। इन शिकायतों की संख्या 20 से 25 बार तक पहुंच चुकी है, लेकिन हर बार सिर्फ कागजों में ही निस्तारण कर दिया गया। उनकी शिकायतें — IGRS संख्या 1-20018725003599, 2-3003442500570, 3-1218724018955, 4-400187240150055, 5-40018724010521 — आज भी लंबित हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी अवैध कब्जाधारियों से मिलीभगत कर मामले को दबा रहे हैं और आर्थिक लाभ लेकर निष्क्रिय बने हुए हैं। इस कारण पीड़ित को न्याय नहीं मिल रहा है और वह आजिज आकर अपने पूरे परिवार के साथ आमरण अनशन करने को विवश हैं।
उन्होंने जिलाधिकारी महराजगंज से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और ग्राम सभा की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो आमरण अनशन के गंभीर परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन की होगी।