बुलंदशहर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: बीवी की मौत के 4 साल बाद पति मिली सजा, जज का यह फैसला सुनकर रोने लगा आरोपी

वर्ष 2021 में सामने आए एक आत्महत्या के मामले में न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 28 June 2025, 6:36 PM IST
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बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के औरंगाबाद थाना क्षेत्र में वर्ष 2021 में सामने आए एक आत्महत्या के मामले में न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। ग्राम बरारी निवासी मनोज उर्फ कलुवा को उसकी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी मानते हुए कोर्ट ने आठ वर्ष के कठोर कारावास और ₹10,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, यह फैसला शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट-01) हरिकेश कुमार ने सुनाया। मामला वर्ष 2021 का है, जब मनोज की पत्नी ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी। जांच में सामने आया कि मनोज द्वारा की गई मानसिक और भावनात्मक प्रताड़ना के कारण महिला ने यह कदम उठाया।

‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत हुआ एक्शन

इस संबंध में थाना औरंगाबाद में मुकदमा संख्या 128/21 धारा 306 भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज किया गया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 4 जून 2021 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया था। मामला उत्तर प्रदेश पुलिस के ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान के अंतर्गत चिह्नित किया गया, जिसका उद्देश्य गंभीर अपराधों में शीघ्र न्यायिक निर्णय सुनिश्चित करना है।

मॉनीटरिंग सेल से मिली सफलता

मामले में बुलंदशहर पुलिस की मॉनीटरिंग सेल ने सक्रिय भूमिका निभाई। अभियोजन पक्ष की ओर से केशव देव शर्मा ने मजबूत पैरवी की। जबकि मॉनिटरिंग सेल प्रभारी निरीक्षक यशपाल सिंह, पैरोकार कॉन्स्टेबल चंदन कुमार और कोर्ट मोहर्रिर कॉन्स्टेबल पंकज कुमार की मेहनत से यह मामला निर्णायक मुकाम तक पहुंच सका।

छह गवाहों को पेश किया

मुकदमे के दौरान कुल छह गवाहों की गवाही दर्ज की गई, जिनके बयानों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया। अदालत ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि पति द्वारा पत्नी को आत्महत्या के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित करना गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई आवश्यक है।

Location : 
  • Bulandshahr

Published : 
  • 28 June 2025, 6:36 PM IST