

कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 16 जुलाई से 23 जुलाई तक मेरठ और मुजफ्फरनगर जिले में सभी स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है। मेरठ के जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह ने जानकारी दी कि 23 जुलाई को शिवरात्रि होने के कारण 24 जुलाई से सभी स्कूल फिर से खुलेंगे।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Uttar Pradesh/Uttarakhand: हरिद्वार से लेकर मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और अब मेरठ तक कांवड़ियों द्वारा गाड़ियों में तोड़फोड़ की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। जिससे प्रशासन और आम जनजीवन में हड़कंप मच गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ती भीड़ और घटनाओं के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को सख्त कर दिया है। इन घटनाओं के बीच कांवड़ मार्ग पर शिवभक्तों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है, जिससे यातायात और अन्य व्यवस्थाओं पर दबाव बढ़ गया है।
स्कूलों को 16 से 23 जुलाई तक बंद रखने का आदेश
कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 16 जुलाई से 23 जुलाई तक मेरठ और मुजफ्फरनगर जिले में सभी स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है। मेरठ के जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह ने जानकारी दी कि 23 जुलाई को शिवरात्रि होने के कारण 24 जुलाई से सभी स्कूल फिर से खुलेंगे। वहीं, मुजफ्फरनगर में भी कांवड़ यात्रा के मद्देनजर इसी अवधि के दौरान सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मुजफ्फरनगर के डीएम ने अपने आदेश में कहा कि कांवड़ यात्रा के चलते जिले में सभी शैक्षणिक संस्थानों जैसे परिषदीय, माध्यमिक, डिग्री और तकनीकी बोर्ड के स्कूलों को बंद किया जाएगा। साथ ही डीआईओएस राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि यूपी, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों पर यह आदेश लागू होगा। यदि किसी स्कूल को खुला पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वन-वे सिस्टम की वजह से बढ़ी समस्या
कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ते यातायात के दबाव को संभालने के लिए प्रशासन ने सोमवार से दिल्ली-मेरठ मार्ग को वन-वे कर दिया। इसके कारण अब सिर्फ एक ही लाइन में वाहनों की आवाजाही हो रही है। जिससे मुरादनगर में भीषण जाम लग गया। 10 मिनट का सफर तय करने में अब लोगों को 2 से 3 घंटे का समय लगने लगा है।
सोमवार को ट्रैफिक वन-वे होने के कारण मनोटा से मोरटा तक दिल्ली-मेरठ मार्ग पर करीब 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जाम में फंसे लोगों को गर्मी में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दिनभर वाहन हाईवे पर रेंगते हुए चले, जबकि पुलिस प्रशासन के अधिकारी यातायात को सुचारु करने में लगे रहे।
मुरादनगर में जाम और कांवड़ियों की बढ़ती संख्या
मुरादनगर में जाम की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि वाहन चालकों को काफी समय लगने लगा। इसके अलावा आने और जाने वाली लंबी कतारें भी सड़क पर देखने को मिलीं। एंबुलेंस, स्कूल बस और वीआईपी वाहनों को भी जाम में फंसा हुआ देखा गया। मेरठ के शास्त्री नगर निवासी उमेश शर्मा का कहना था कि पुलिस प्रशासन ने हाईवे को वन-वे करने में जल्दबाजी की। उनका कहना था कि अभी हाईवे पर कांवड़ियों की संख्या ज्यादा नहीं है, फिर भी इस तरह का फैसला लिया गया, जिससे आम जनता को परेशानी हो रही है।
पुलिस प्रशासन की तैयारी और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
पुलिस और प्रशासन ने कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ती भीड़ और यातायात की समस्या से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। हालांकि, उच्च अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वे किसी भी तरह की सुरक्षा लापरवाही को नजरअंदाज नहीं करेंगे। वहीं, स्थानीय लोग और वाहन चालक भी प्रशासन से अनुरोध कर रहे हैं कि यातायात व्यवस्था को जल्द ही पटरी पर लाया जाए। जिससे उनकी परेशानियों में कमी आए।