

हमीरपुर के सैकड़ों ग्रामीणों ने चकबंदी के बाद होने वाली पैमाइश में देरी के विरोध में कलेक्ट्रेट परिषद के गोल चबूतरे पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
धरना प्रदर्शन करते किसान
हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की सरीला तहसील के चिकासी गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने चकबंदी के बाद होने वाली पैमाइश में देरी के विरोध में कलेक्ट्रेट परिषद के गोल चबूतरे पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि चकबंदी विभाग की लापरवाही के कारण उनकी जमीन की पैमाइश समय पर नहीं हो रही है, जिससे खेती-बाड़ी का कार्य प्रभावित हो रहा है। इस मुद्दे पर हाई कोर्ट ने चार महीने के भीतर पैमाइश पूरी करने का आदेश दिया था, लेकिन जिला प्रशासन और चकबंदी विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे नाराज होकर ग्रामीणों को धरना प्रदर्शन का रास्ता अपनाना पड़ा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 4,000 बीघा जमीन की पैमाइश लंबित होने के कारण किसान अपनी जमीन पर जुताई और बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। समय पर पैमाइश न होने से उनकी फसल चक्र प्रभावित हो रहा है, जिसका सीधा असर उनकी आजीविका पर पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द पैमाइश शुरू नहीं की गई, तो उनकी आगामी फसल पूरी तरह बर्बाद हो सकती है। इस समस्या को लेकर ग्रामीण पहले भी कई बार जिला प्रशासन और चकबंदी विभाग के पास शिकायत पत्र दे चुके हैं और लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अनिश्चितकाल के लिए शुरू किया धरना
धरना प्रदर्शन में शामिल किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक गांव में पैमाइश का कार्य शुरू नहीं होता, वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन की उदासीनता और चकबंदी विभाग की लापरवाही ने उन्हें मजबूरन सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य किया है। ग्रामीणों ने एकजुट होकर अपनी मांग को जोरदार तरीके से उठाने का फैसला किया है और इस अनिश्चितकालीन धरने को तब तक जारी रखने की बात कही है, जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो जाता।
इस मामले में जिला प्रशासन की चुप्पी और चकबंदी विभाग की निष्क्रियता ने ग्रामीणों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन तत्काल प्रभाव से पैमाइश का कार्य शुरू करे ताकि उनकी खेती-बाड़ी का नुकसान रोका जा सके।