

गौतमबुद्ध नगर में फ्लैट खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। अब अगर फ्लैट नहीं मिला तो पैसा वापस होगा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की खास रिपोर्ट
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ग्रेटर नोएडा: घर खरीदने का सपना देखने वाले उन लोगों के लिए राहत की खबर आई है, जो बिना पंजीकरण के बनाए गए प्रोजेक्ट्स में फंसकर अपना पैसा गंवा बैठे थे। उत्तर प्रदेश रेरा (रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) ने अब ऐसे मामलों में खरीदारों को उनकी जमा धनराशि वापस दिलाने का रास्ता साफ कर दिया है। इसके लिए यूपी रेरा ने एक विशेष स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) भी जारी कर दी है।
डाइनामाइट न्यूज के मुताबिक, इस नई SOP के तहत बिना पंजीकृत परियोजनाओं में निवेश कर फंसे ग्राहकों की शिकायतों पर कार्यवाही की जाएगी। हालांकि यह SOP वर्तमान में लंबित मामलों पर लागू नहीं होगी, बल्कि भविष्य में आने वाली नई शिकायतों पर अमल में लाई जाएगी। यूपी रेरा ने स्पष्ट किया है कि सुनवाई केवल उन मामलों में होगी जहां ग्राहक अपना पैसा वापस मांग रहे हों यानी जहां खरीदार सिर्फ जमा धनराशि की वापसी की मांग कर रहे हैं, वहां प्राथमिकता दी जाएगी।
तीन दिन में देनी होगी रिपोर्ट
इस प्रक्रिया में विधि और तकनीकी सलाहकारों की रिपोर्ट को विशेष महत्व दिया गया है। जब भी कोई शिकायत दर्ज होगी तो संबंधित प्रकरण पर तकनीकी और कानूनी सलाहकारों को तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करनी होगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर रेरा पीठ आगे की कार्रवाई करेगी और खरीदारों को उनका पैसा दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाएगी।
आठ या उससे अधिक फ्लैट बनाए तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
यूपी रेरा ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी परियोजना में आठ या उससे अधिक फ्लैटों का निर्माण किया गया है, तो उसका पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इस नियम का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई अवैध प्रोजेक्ट
बताया जा रहा है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में कई ऐसे आवासीय प्रोजेक्ट्स हैं जो बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध तरीके से विकसित किए गए हैं। इन परियोजनाओं में निवेश कर चुके सैकड़ों ग्राहक अब राहत की आस लगाए हुए हैं। यूपी रेरा के इस कदम से ऐसे लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, जो लंबे समय से अपने धन के फंसे रहने से परेशान थे।