

गोरखपुर: मिलावटखोरों पर सख्ती, चौराहों पर चस्पा होंगे पोस्टर,पढिए पूरी खबर
गोरखपुर: खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मिलावटखोरों को सबक सिखाने की तैयारी शुरू कर दी है। बार-बार मिलावट करने वालों के पोस्टर चौराहों पर चस्पा किए जाएंगे, ताकि जनता को ऐसे लोगों की पहचान हो और उन्हें हतोत्साहित किया जा सके। इसके लिए शासन ने सभी जनपदों से मिलावटखोरों की सूची मांगी है।
डाइनामाइट न्यूज संवादाता अनुसार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के सहायक खाद्य आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में समीक्षा बैठक के दौरान सख्त निर्देश दिए हैं। बार-बार मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, "शासन स्तर पर सूची तैयार की जा रही है। जैसे ही निर्देश मिलेंगे, पोस्टर चस्पा करने की कार्रवाई शुरू होगी।
"3100 दुकानों का निरीक्षण, 55% नमूने फेल
डॉ. सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष में जिले की 3100 दुकानों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से 721 नमूने लिए गए। इनमें से 666 नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिनमें 55% नमूने फेल पाए गए। 38 मामले असुरक्षित पाए गए, जबकि शेष नमूने अधोमानक या हाइजीनिक मानकों का उल्लंघन करने वाले थे। असुरक्षित नमूनों में बेसन, चाय की पत्ती, खोवा, घी, मसाले, हल्दी, मिर्च जैसी रोजमर्रा की चीजें शामिल हैं। इसके अलावा, दूध में पानी की मिलावट और चने की दाल में मटर की दाल का मिश्रण जैसे मामले भी सामने आए। ऐसे मामलों में अपर जिलाधिकारी कोर्ट और एसीजीएम कोर्ट में वाद दायर किए गए हैं।
आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक फैक्ट्रियों पर छापेमारी
गर्मी के मौसम को देखते हुए आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक फैक्ट्रियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। जिले में 37 बड़ी और 132 छोटी आइसक्रीम उत्पादन इकाइयों की जांच में कई अनियमितताएं पाई गई हैं। कुछ इकाइयों में प्रतिबंधित सैकरीन को गुलमोहर, हेचरेक्स मेटल कलीनिर जैसे नामों से उपयोग किया जा रहा है। डॉ. सिंह ने बताया कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मिलावट करने वालों के लाइसेंस निरस्त होंगे और उनके परिवार के किसी भी सदस्य को भविष्य में लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा
जनता से सतर्कता की अपील
खाद्य सुरक्षा विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध सामग्री की जानकारी विभाग को दें। मिलावटखोरों के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा, ताकि जनता को सुरक्षित और शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकें।