

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गोरखपुर जिला कारागार में एक अनुकरणीय दृश्य देखने को मिला। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर में जेल में योग दिवस
गोरखपुर: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गोरखपुर जिला कारागार में एक अनुकरणीय दृश्य देखने को मिला, जहां कुल 1240 बंदियों—1150 पुरुष एवं 90 महिलाएं—ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया। ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की थीम पर आधारित इस आयोजन में कैदियों के साथ-साथ न्यायिक और जेल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव ने की। उन्होंने योग को तनावमुक्त जीवन और मानसिक शांति का सशक्त साधन बताते हुए कहा कि जेल जैसी सीमित और तनावपूर्ण परिस्थितियों में योग कैदियों को मानसिक सुदृढ़ता और आत्मअनुशासन की दिशा में प्रेरित करता है। उन्होंने योग को आत्मनिरीक्षण का माध्यम बताते हुए कैदियों को इसे नियमित दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी।
इस अवसर पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पाण्डेय, जेलर अरुण कुशवाहा समेत जिला कारागार के सभी अधिकारी, कर्मचारी और सुरक्षा कर्मी भी उपस्थित रहे। उन्होंने स्वयं भी बंदियों के साथ योगाभ्यास किया और इस पहल को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
योग प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में आयोजित इस सामूहिक सत्र में सूर्य नमस्कार, अनुलोम-विलोम, कपालभाति जैसे प्रमुख योगासनों के साथ ध्यान (मेडिटेशन) का अभ्यास कराया गया। आयोजन के दौरान बंदियों ने अनुशासन, समर्पण और सक्रियता के साथ भाग लिया, जो उनके भीतर सकारात्मक बदलाव की भावना को दर्शाता है।
कारागार प्रशासन के अनुसार, जेल में नियमित योगाभ्यास को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि बंदियों को पुनर्वास की राह पर अग्रसर किया जा सके। योग दिवस जैसे आयोजन जेल परिसर को सुधारगृह के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।
गौरतलब है कि गोरखपुर जिला कारागार में पहली बार इतने बड़े स्तर पर न्यायिक अधिकारियों की मौजूदगी में योगाभ्यास का आयोजन हुआ, जो अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।