Gorakhpur News: गांव की उम्मीद बने करणवीर की मौत, जानें ऐसा क्या हुआ?

गोरखपुर के मीरपुर गांव में सड़क हादसे में करणवीर सिंह की मौत से गांव में मातम छा गया। उनकी असमय मृत्यु ने गांव की उम्मीदों को तोड़ दिया।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 5 July 2025, 9:12 AM IST
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Gorakhpur: गोरखपुर में जंगल कोडिया ब्लॉक के मीरपुर गांव में शुक्रवार की शाम सन्नाटा छा गया। जब गांव का 28 वर्ष करणवीर सिंह, एक सड़क हादसे में असमय काल के गाल में समा गया। करणवीर का जाना सिर्फ एक परिवार का नुकसान नहीं, बल्कि पूरे गांव की उम्मीदों का टूटना है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शुक्रवार की शाम करीब 5 बजे करणवीर छात्रसंघ चौराहे से अपनी मोटरसाइकिल पर घर लौट रहा था। अचानक एक तेज रफ्तार वाहन ने उसे जोरदार टक्कर मार दी। खून से लथपथ करणवीर को ग्रामीणों ने तुरंत सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। इस खबर ने गांव में कोहराम मचा दिया।

तीन साल पहले हुई थी शादी

जानकारी के अनुसार, तीन भाइयों में सबसे बड़ा करणवीर अपने 85 वर्षीय दादा, जो सेना में मेजर रहे, उनका गौरव था। तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी और वह परिवार की रीढ़ था। करणवीर का सपना था कि मीरपुर गांव की तस्वीर बदले। सड़क, बिजली, पानी और रोजगार की समस्याओं को लेकर वह अधिकारियों से बेबाकी से सवाल करता था। उसकी जुबान पर यह बात हमेशा रहती थी।

“गांव बदलेगा तभी तरक्की होगी”

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि करणवीर में गजब का जोश था। वह हर किसी की मदद को तैयार रहता था। चाहे किसी का राशन कार्ड बनवाना हो या बीमार को अस्पताल पहुंचाना, करणवीर सबसे आगे रहता। वह युवाओं को पढ़ाई और आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित करता था। उसकी आंखों में गांव को शिक्षित और सशक्त बनाने का सपना चमकता था।

परिवार और गांव में मातम

हादसे की खबर सुनते ही करणवीर की पत्नी, मां और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। दादा बार-बार पोते के लौटने की उम्मीद में दरवाजे की ओर देखते हैं, लेकिन अब वह कभी नहीं आएगा। गांव की गलियों में सन्नाटा है और हर चौपाल पर करणवीर की बातें हो रही हैं। ग्रामीणों की आंखें नम हैं और लोग कह रहे हैं, “काश, करणवीर बच जाता, तो गांव का भविष्य बदलता।” पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। हादसे की जांच शुरू हो गई है, लेकिन गांव का दर्द कोई जांच कम नहीं कर सकती। ग्रामीणों का कहना है कि करणवीर भले ही आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उसके सपने और जोश गांव के हर दिल में जिंदा रहेंगे। उसकी कमी हमेशा खलेगी, पर उसका सपना शायद कोई और पूरा करे।

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