Gorakhpur News: तेज रफ्तार ने मचाया कोहराम, झोपड़ी में कार घुसने से तीन लोग घायल, बाल-बाल बचे

गोलाबाजार में एक तेज रफ्तार कार मासूम बच्ची को बचाने के चक्कर में अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बनी एक झोपड़ी में जा घुसी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 2 June 2025, 1:19 PM IST
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गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर में स्थित गोलाबाजार क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सोमवार की सुबह चंदौली गांव की शांति को भंग कर दिया। जहां रामजानकी मार्ग पर तेज रफ्तार कार एक मासूम बच्ची को बचाने के चक्कर में अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बनी एक झोपड़ी में जा घुसी। इस हादसे में कार सवार दो युवकों और झोपड़ी में सो रहे एक व्यक्ति को चोटें आईं, लेकिन बच्ची की जान बच गई। बताया जा रहा है कि ताड़ के पेड़ों ने बड़ा हादसा होने से रोक लिया, वरना नुकसान और भी भयावह हो सकता था

डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार, यह हादसा उस वक्त हुआ जब गोला की ओर जा रही कार (डीएल 2सी एएच 6402) में सवार रवि प्रजापति (23) और अरविंद (22) ने अचानक सड़क पार करती एक बच्ची को देखा। इस दौरान, बेलाघाट के बरपरवा गांव के रहने वाले रवि ने बच्ची को बचाने के लिए तेजी से ब्रेक लगाया। मगर तेज रफ्तार के कारण कार बेकाबू हो गई और सड़क के किनारे पलटते हुए पास की एक झोपड़ी में जा घुसी। कार के परखच्चे उड़ गए और झोपड़ी भी तहस-नहस हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों युवक, जो गोला में एक मोटर पार्ट्स की दुकान पर काम करते हैं, वो इस कार को ठीक करने के लिए बेलघाट से ला रहे थे।

झोपड़ी में सो रहा युवक बाल-बाल बचा

वहीं इस झोपड़ी में बेलाश निषाद का परिवार रह रहा था। घटना के समय, जब कार उनकी झोपड़ी में घुसी उस वक्त बेलाश का बेटा दूसरी तरफ सोया हुआ था। गनीमत रही कि पास के ताड़ के पेड़ों ने कार की रफ्तार को कम कर दिया, जिससे बेलाश के बेटे को मामूली चोटें ही आईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर ताड़ के पेड़ न होते, तो यह हादसा और भी खतरनाक हो सकता था।

घायलों का इलाज जारी

हादसे के बाद, आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को बाहर निकाला। कार सवार रवि और अरविंद को गंभीर चोटें आईं हैं और उनका इलाज गोला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में चल रहा है। बेलाश के बेटे की मामूली चोटों का भी इलाज किया गया।

पुलिस ने शुरू की जांच

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच शुरू कर दी है। बता दें कि इस हादसे ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि ब्रेक लगाने के बावजूद वह पलटने से नहीं बची। ग्रामीणों ने बच्ची की सलामती के लिए राहत की सांस ली, लेकिन झोपड़ी में रहने वाले परिवार की हालत देखकर लोग भावुक हो उठे। बेलाश के परिवार ने बताया कि उनकी झोपड़ी उनका इकलौता आशियाना थी, जो अब पूरी तरह बर्बाद हो चुका है।

ग्रामीणों ने मांग की है कि रामजानकी मार्ग पर गति सीमा और सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हादसे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

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