Gorakhpur News: लक्ष्मी प्रतिमा विसर्जन विवाद में बुजुर्ग की मौत, इलाके में तनाव, ऐसे सुलझा मामला

गोरखुर के खजनी थाना क्षेत्र में लक्ष्मी प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए विवाद के 29 दिन बाद घायल बुजुर्ग की मौत हो गई। खबर के बाद गुरुवार की रात गांव में तनाव फैल गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तनाव के हालात को बिगड़ने से संभाल लिया। 

Gorakhpur: खजनी थाना क्षेत्र में लक्ष्मी प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए विवाद के 29 दिन बाद घायल बुजुर्ग की मौत हो गई। इसके बाद गुरुवार की रात गांव में तनाव फैल गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को हालात बिगड़ने को बिगाड़ने से संभाल लिया। शुक्रवार को मृतक कल्पनाथ निषाद (70) का दाह संस्कार राप्ती नदी के बेतउवा घाट पर शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। इस दौरान चौकी पुलिस का पूरा स्टाफ मौजूद रहा, जिसके कारण परिजन बिना विरोध दाह संस्कार के लिए तैयार हो गए।

क्या था मामला

दरअसल 22 अक्टूबर 2025 को खजनी के ग्राम तालनवर टोला मंगलपुर में देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो पक्षों में पुरानी रंजिश के चलते मारपीट हो गई थी। इस झड़प में धनु निषाद और विपक्षी पक्ष—जमुना निषाद के परिवार के बीच लाठी-डंडे चले।

घटना के बाद धनु ने मुकदमा संख्या 408/25 दर्ज कराया था। विवेचना में सामने आए तथ्यों के आधार पर पुलिस ने विपक्षी पक्ष के तीन अभियुक्त—सुजीत, मनोज और लालचंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी है।

बुजुर्ग की मौत की सूचना से इलाके में तनाव 

20 नवंबर की सुबह धनु निषाद के पिता कल्पनाथ निषाद की इलाज के दौरान मौत की खबर फैली तो गांव में तनाव फैल गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि 22 अक्टूबर को मारपीट में लगी चोटों के कारण ही उनकी मौत हुई। वहीं गांव के कई लोगों ने बताया कि दिवंगत लंबे समय से दम (अस्थमा) के मरीज थे और उनकी तबीयत पहले से बिगड़ी हुई थी।

घटना के बाद कराए गए मेडिकल परीक्षण में केवल दाहिनी कलाई में सूजन दर्ज की गई थी। किसी गंभीर चोट का उल्लेख नहीं था। इसके बावजूद मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेजा। अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट होगा।

UP Crime: गोरखपुर में गोली मारकर घायल करने वाले आरोपी की गिरफ्तारी, पढ़ें पूरी खबर

प्रभारी निरीक्षक खजनी जयंत सिंह के नेतृत्व में महुआडाबर चौकी इंचार्ज अभिषेक सिंह की निर्णायक भूमिका सामने आया , गांव में कड़ी सुरक्षा हुआ। हलाकि गांव में तनाव की स्थिति बन गई थी।

पुलिस का एक्शन

किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए पुलिस ने रात में ही चौकसी बढ़ा दी, पिकेट ड्यूटी तैनात की गई तथा अफवाह फैलाने वालों को चेतावनी दी गई। चौकी इंचार्ज अभिषेक सिंह ने परिजनों से संवाद कर उन्हें समझाया और कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी। उनकी पहल के चलते शुक्रवार को राजघाट पर शांति पूर्ण वातावरण में अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।

UP Crime: गोरखपुर में अपहरण में लिप्त 2 बाल अपचारी पकड़े गए, जानें पूरी खबर

जानकारी के अनुसार  मृतक पहले से गंभीर बीमारी से ग्रसित था और उसके शरीर पर किसी भी प्रकार की जानलेवा चोट का मेडिकल में उल्लेख नहीं था। इसके बावजूद पुलिस मामला गंभीरता से लेकर तथ्यों की जांच में जुटी है।

खजनी का यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है। अब सबकी निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस विवाद की असल सच्चाई बताएगी।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 21 November 2025, 12:58 PM IST