

गोरखपुर पुलिस के “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान में 16 साल पुराने धोखाधड़ी मामले का पर्दाफाश हुआ। आरोपी अनिरुद्ध सिंह को न्यायालय ने दोषी मानते हुए पांच वर्ष का कारावास और 6,000 रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया। पुलिस की सक्रियता ने पुराने अपराधियों को पकड़कर समाज में सुरक्षा और विश्वास का संदेश दिया।
पुराने अपराध में न्यायिक सफलता
Gorakhpur: उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष अभियान “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत एक पुराने अपराध में न्यायिक सफलता हासिल की गई है। वर्ष 2007 में थाना पीपीगंज पर दर्ज धोखाधड़ी के गंभीर मामले में आरोपी अनिरुद्ध सिंह को दोषी मानते हुए मा० न्यायालय ASJ/PC-5 गोरखपुर ने पांच वर्ष का साधारण कारावास और 6,000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया।
अभियुक्त अनिरुद्ध सिंह पुत्र घिसियावन सिंह, निवासी ताल लिजिया टोला बसपुर, थाना पीपीगंज पर मु०अ०सं० 1379/2007 के अंतर्गत दर्ज मामलों में शामिल था। आरोपों में धारा 489ख (फर्जी दस्तावेज से अपराध), 489ग (अवैध बैंकिंग कार्य) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मुकदमा था। लंबे समय से यह मामला न्यायालय में लंबित था।
यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के सख्त निर्देशन और मॉनिटरिंग सेल की प्रभावी पैरवी के चलते संभव हो सकी। “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान का उद्देश्य पुराने दोषियों को पकड़कर समाज से अपराधमुक्त करना और न्यायिक प्रक्रिया में गति लाना है।
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पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत पूरे प्रदेश में ऐसे अपराधियों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाई जा रही है। गोरखपुर में भी इसी रणनीति के तहत कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया कि अपराधियों को कोई सुरक्षा नहीं है, चाहे मामला कितना भी पुराना क्यों न हो।
इस केस में ADGC Cr श्री अजीत प्रताप शाही ने विशेष भूमिका निभाई और यह सुनिश्चित किया कि अपराधी को न्याय मिले। उनके प्रयासों से लंबित मामला न्यायालय में सफलता के साथ समाप्त हुआ।
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गोरखपुर पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि अपराधियों की कोई उम्र नहीं होती। “ऑपरेशन कनविक्शन” के अंतर्गत कई पुराने मामलों पर कार्रवाई जारी है। पुलिस प्रशासन का संदेश है कि अब हर अपराधी को न्याय के तहत सजा दिलाई जाएगी।
यह ऐतिहासिक फैसला समाज में सुरक्षा और न्याय व्यवस्था की मजबूती का प्रतीक बन चुका है। अभियान से स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है और कानून अपना काम करेगा।