

गोरखपुर जिले के गोला विकास खंड के तीरागांव में मनरेगा योजना में भारी अनियमितताओं का मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मनरेगा योजना में भारी अनियमितताओं का मामला
गोरखपुर : गोरखपुर जिले के गोला विकास खंड के तीरागांव में मनरेगा योजना में भारी अनियमितताओं का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक पर मिलीभगत कर मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन से कार्य कराने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इस घोटाले की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से सीधे जिलाधिकारी से की गई है, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, ग्रामीण मनोज कुमार, विवेकानंद, राजकिशोर, शुभनारायण, देवेंद्र यादव, देवनारायण और जवाहरलाल ने आरोप लगाया है कि 8 जून से 15 जून तक राजस्व गांव कौड़िया में मनरेगा के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों में मानव श्रमिकों के बजाय जेसीबी मशीन का खुलेआम इस्तेमाल हुआ। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मजदूरों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर उनके नाम पर मजदूरी भी निकाल ली गई! शिकायतकर्ताओं के अनुसार, प्रतिदिन 42 मजदूरों की फर्जी हाजिरी मस्टररोल में चढ़ाई गई, जबकि वास्तव में काम जेसीबी मशीन कर रही थी।
डाइनामाइट न्यूज रिपोर्टर अनुसार ग्रामीणों का कहना है कि यह मजदूरों की मेहनत और अधिकार का खुला शोषण है। जिस योजना का मकसद ग्रामीणों को रोजगार देना है, वहीं से उनका हक छीना जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि इस फर्जीवाड़े की निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदारों पर कठोर कार्यवाही हो।
बीडीओ दिवाकर सिंह ने बताया, “मामला संज्ञान में लिया गया है। जांच टीम गठित की जा रही है। यदि शिकायत में सच्चाई पाई गई तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” अब देखना ये है कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से कदम उठाता है और क्या वाकई दोषियों को सजा मिलती है या यह मामला भी फाइलों में ही दबकर रह जाएगा।
मनरेगा कार्यों में मशीनों का उपयोग प्रतिबंधित है। यदि मजदूरों से कार्य न लेकर मशीन से काम कराया गया है तो यह सीधा सरकारी नियमों का उल्लंघन और गरीबों की मजदूरी की लूट है। डाइनामाइट न्यूज संवादाता’ की निगाह इस पूरे मामले पर बनी हुई है।