

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में किसानों के लिए खुशखबरी है। यहां के किसानों को एक योजना के जरिए बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल सकती है। किसानों की भूमि सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
किसानों के लिए खुशखबरी
गोरखपुर: गोरखपुर में किसानों की भूमि सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाली एग्री सर्वे योजना अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। सोमवार को सदर तहसील सभागार में योजना की प्रगति को लेकर एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता डिप्टी कलेक्टर/तहसीलदार सदर ज्ञान प्रताप सिंह ने की। इसमें सभी कानूनगो, लेखपाल और एग्री सर्वे से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे।
डिप्टी कलेक्टर ने बैठक में सर्वे कार्य की धीमी प्रगति पर नाराज़गी जताई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि शेष बचे 25 हजार गाटों का निस्तारण हर हाल में आज ही पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि यह कार्य केवल सरकारी आदेश नहीं, बल्कि किसानों के हितों से जुड़ा एक गंभीर और संवेदनशील विषय है।
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ज्ञान प्रताप सिंह ने बताया कि यह योजना किसानों के भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम है। इसके पूरा होने पर किसानों को अपनी भूमि से जुड़ी सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना की स्थिति में त्वरित सरकारी मदद भी संभव होगी।
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में कार्य अधूरा रहेगा, वहां के कानूनगो व लेखपालों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि तकनीकी दिक्कत आने पर तुरंत उच्चाधिकारियों को सूचित करें, ताकि समस्या का समय रहते समाधान हो सके।
डिप्टी कलेक्टर ने जिलाधिकारी दीपक मीणा के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि हर तहसील में प्रतिदिन 25 हजार गाटों का एग्री सर्वे कार्य पूरा किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को मिशन मोड में कार्य करने की अपील की।
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अंत में उन्होंने कहा कि यह सर्वे महज आंकड़ा नहीं, बल्कि किसानों की सुविधा, सुरक्षा और प्रशासन की पारदर्शिता का प्रतीक है। सभी कर्मचारियों से निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य को पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न करने की अपील की गई।