

गाजियाबाद में 12 साल के लक्ष्य की हत्या उसके चचेरे भाई युवराज ने प्रॉपर्टी के लालच में की। 1 महीने की साजिश, 6 दिन की रेकी और ईंट से 20 वार कर मासूम की हत्या। पढ़िए पूरी दिल दहला देने वाली वारदात की रिपोर्ट।
आरोपी और मृतक का फोटो
Ghaziabad: गाजियाबाद के खोड़ा थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 12 साल के मासूम बच्चे लक्ष्य प्रजापति की हत्या उसके ही चचेरे भाई युवराज ने कर दी। इस हत्या की योजना युवराज ने एक महीने पहले बनाई थी और 6 दिनों तक रेकी करने के बाद 16 सितंबर को वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसकी निशानदेही पर दिल्ली के लक्ष्मीनगर के पार्क से शव बरामद किया।
हत्या की योजना पहले से थी तैयार
आरोपी युवराज ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह लक्ष्य की हत्या करके उसके पिता की प्रॉपर्टी का वारिस बनना चाहता था। उसने बताया, "मैंने पहले लक्ष्य का गला दबाया, जब वह बेहोश हो गया तो उसके सिर और चेहरे पर ईंट से करीब 20 वार किए ताकि पहचान न हो सके। मैं एक घंटे तक वहीं बैठा रहा यह देखने के लिए कि कहीं वह सांस तो नहीं ले रहा।"
इससे पहले भी युवराज ने योजना बनाई थी कि वह लक्ष्य को यमुना नदी में धक्का देकर मार देगा। इसके लिए उसने उसे दिल्ली घूमने का झांसा दिया था, लेकिन मां ने उसे जाने नहीं दिया। जब वह योजना फेल हो गई, तो युवराज ने 16 सितंबर की रात उसे फिल्म दिखाने के बहाने दिल्ली ले गया और पार्क में हत्या कर दी।
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हत्या के पीछे लालच और धोखाधड़ी
पुलिस के अनुसार युवराज ने अपने चाचा मनवीर के मकान की डील करवाई थी, जिसमें उसने एडवांस में तीन लाख रुपये लिए थे। बाद में उसने यह पैसा बिटकॉइन में इन्वेस्ट कर दिया। चाचा जब पैसे मांगने लगे तो उसने सोचा कि यदि वह उनके इकलौते बेटे की हत्या कर देगा, तो प्रॉपर्टी का वारिस बन जाएगा और उसे पैसे लौटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
CCTV फुटेज बना सबूत
16 सितंबर को लक्ष्य लापता हुआ और 18 को परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। जांच में लगे अधिकारियों ने 120 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली और देखा कि युवराज ही लक्ष्य को बाइक पर दिल्ली ले गया था। जहां-जहां कैमरे लगे थे, वहां युवराज बाइक रोकता और लक्ष्य को पैदल आगे बढ़ा देता। इससे वह कैमरों से बचना चाहता था, लेकिन पुलिस ने हर फुटेज से कनेक्शन जोड़ा और आरोपी तक पहुंच गई।
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19 सितंबर को मिला शव
19 सितंबर को दिल्ली के लक्ष्मीनगर स्थित पार्क में दुर्गंध की सूचना पर दिल्ली पुलिस को झाड़ियों में एक शव मिला, जिसकी शिनाख्त लक्ष्य के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपी युवराज को गिरफ्तार कर लिया और हत्या में इस्तेमाल ईंट, खून से सना कपड़ा और मिट्टी भी बरामद की।
परिवार का दर्द छलका
लक्ष्य की मां बबीता ने कहा, “हमें लगा बेटा गुस्से में कहीं चला गया है। हम युवराज पर भरोसा करते थे, कभी सोचा नहीं था कि वह ऐसा करेगा।” पिता मनवीर बोले, “अगर उससे पैसे नहीं थे तो मना कर देता, लेकिन मेरे बेटे को मारने की क्या जरूरत थी? वही हमारा सहारा था।”
दोनों परिवारों की स्थिति
मनवीर प्रजापति ड्राइवर हैं, उनका 50 लाख की कीमत वाला मकान है। उनका बेटा लक्ष्य कक्षा 5 में पढ़ता था। वहीं, आरोपी युवराज के पिता ओमवीर मिट्टी के बर्तन बनाते हैं और उनका परिवार साधारण स्थिति में रहता है।