

22 सितंबर को नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही सोने और चांदी के दामों में जबरदस्त तेजी देखी गई। सोना ₹1.12 लाख प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹1.38 लाख प्रति किलो के पार पहुंच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल तेजी का रुख जारी रह सकता है।
नवरात्रि के पहले दिन चमका सोना-चांदी
New Delhi:आज 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है, और इसी के साथ सोने-चांदी के बाजार में जबरदस्त हलचल देखी गई। देश के प्रमुख शहरों में 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने के दामों में 400 रुपये तक का इजाफा हुआ है। वहीं चांदी की कीमत भी तेजी से बढ़कर 1,38,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। बीते सप्ताह की तुलना में यह 5,000 रुपये प्रति किलो तक की वृद्धि है।
हर बार की तरह, कीमतों में बढ़ोतरी ने निवेशकों के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या अभी सोना बेच देना चाहिए या निवेश बनाए रखना चाहिए? एक्सपर्ट्स के अनुसार, फिलहाल सोने-चांदी के दामों में तेजी का सिलसिला जारी रह सकता है। अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं तो सोने में निवेश बनाए रखना एक समझदारी भरा फैसला होगा।
नवरात्रि के पहले दिन चमका सोना-चांदी
22 सितंबर 2025 को देशभर में सोने के दामों में भारी उछाल देखने को मिला है। प्रमुख महानगरों की बात करें तो दिल्ली, जयपुर, लखनऊ, नोएडा और गाजियाबाद में 22 कैरेट सोना ₹1,03,350 प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोना ₹1,12,730 प्रति 10 ग्राम की दर से कारोबार कर रहा है। वहीं मुंबई, बेंगलुरु और पटना में 22 कैरेट सोने की कीमत ₹1,03,320 और 24 कैरेट की कीमत ₹1,12,580 प्रति 10 ग्राम रही।
चेन्नई में सबसे महंगा सोना रिकॉर्ड किया गया, जहां 22 कैरेट का भाव ₹1,03,360 और 24 कैरेट का ₹1,13,020 प्रति 10 ग्राम रहा। कोलकाता में हालांकि 22 कैरेट सोना ₹1,01,205 पर रहा, लेकिन 24 कैरेट सोना यहां भी ₹1,12,580 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। इस तेजी का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उथल-पुथल और त्योहारी मांग में वृद्धि को माना जा रहा है।
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चांदी की बात करें तो इसमें भी इस सप्ताह बड़ी छलांग देखी गई है। चांदी ₹1,38,000 प्रति किलो के भाव पर पहुंच गई है, जो कि पिछले सप्ताह की तुलना में लगभग ₹5,000 ज्यादा है। शादी-ब्याह और आगामी त्योहारों को देखते हुए चांदी की मांग में और भी तेजी आ सकती है।
नवरात्रि से लेकर दीपावली तक के दो महीनों में भारत में सोने की मांग सबसे ज्यादा होती है। इस समय पर गहनों की खरीदारी, शादी-ब्याह, और दान-पुण्य के चलते सोने की कीमतों में स्वाभाविक रूप से उछाल आता है। इस साल त्योहारी मांग के साथ-साथ इंटरनेशनल जियोपॉलिटिकल तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने सोने को ‘सुरक्षित निवेश’ के रूप में और मजबूत किया है। यही कारण है कि लोग शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड्स की बजाय सोने-चांदी को प्राथमिकता दे रहे हैं।