

भोजपुरी एक्टर पवन सिंह पर धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगा है। वाराणसी जिला कोर्ट ने प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी का मामला मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। व्यापारी विशाल सिंह ने एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
भोजपुरी एक्टर पवन सिंह (Img: Google)
Varanasi: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता और गायक पवन सिंह एक बड़े कानूनी विवाद में फंस गए हैं। वाराणसी की जिला अदालत ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। मामला साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म 'बॉस' से जुड़ा है, जिसमें कथित रूप से करोड़ों रुपये की आर्थिक धोखाधड़ी की गई है।
करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप
इस केस में वादी व्यापारी विशाल सिंह हैं, जिन्होंने फिल्म में इन्वेस्टमेंट के नाम पर पवन सिंह और उनके साथियों पर सवा करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। विशाल सिंह के वकील राहुल द्विवेदी ने बताया कि उनके मुवक्किल की मुलाकात मुंबई में फिल्म डायरेक्टर प्रेम शंकर राय से हुई थी। बातचीत के दौरान फिल्म निर्माण के लिए निवेश की बात सामने आई। वकील के मुताबिक, प्रेम शंकर ने भरोसा दिलाया कि फिल्म में पैसा लगाने से अच्छा मुनाफा मिलेगा।
पवन सिंह ने जताई निवेश पर सहमति
इसके बाद विशाल सिंह की पवन सिंह से भी मुलाकात कराई गई। आरोप है कि पवन सिंह ने भी निवेश के लिए सहमति जताई और फिल्म की सफलता का भरोसा दिया। फिल्म बनी, रिलीज हुई और हिट भी रही, लेकिन विशाल सिंह को उनके हिस्से का लाभ नहीं दिया गया।
कोर्ट में दाखिल किया प्रार्थना पत्र
इससे परेशान होकर विशाल सिंह ने कानूनी रास्ता अपनाया। थाने में शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सीआरपीसी की धारा 173(4) के तहत कार्रवाई करते हुए कैंट थाने को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।
पुलिस ने शुरू की कार्रवाई
कोर्ट ने 13 अगस्त 2025 को आदेश पारित करते हुए माना कि प्रथम दृष्टया पवन सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के पर्याप्त साक्ष्य हैं। आदेश के बाद पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है और मामले की जांच जल्द शुरू की जाएगी। वहीं, पवन सिंह की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। फिल्म 'बॉस' को लेकर यह विवाद अब कानूनी मोड़ ले चुका है। मामले में करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।