प्रयागराज में बाढ़ बनी मुसीबत! लोग सड़क पर अंतिम संस्कार को हुए मजबूर

यागराज में गंगा और यमुना नदियों की बाढ़ ने श्मशान घाटों को भी पूरी तरह से जलमग्न कर दिया है, जिससे लोगों को सड़कों पर अंतिम संस्कार करने को लेकर लोगों को सड़को पर मजबूर होना पड़ गया है।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 18 July 2025, 2:20 PM IST
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Prayagraj: प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों की बाढ़ ने श्मशान घाटों को भी पूरी तरह से जलमग्न कर दिया है, जिससे लोगों को सड़कों पर अंतिम संस्कार करने को लेकर लोगों को सड़को पर मजबूर होना पड़ गया है। दारागंज श्मशान घाट की बात करें तो पूरी तरह से ही डूब चुका है, और लोग अब शास्त्री ब्रिज के नीचे सड़क पर चिताएं भी जलाना शुरू कर दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बताया गया कि घाट दारागंज में मौजूद घाट पर पानी भरने की वजह से शवों का अंतिम संस्कार रोड पर किया जा रहा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से लगातार परेशानी झेलना पड़ रहा है। अब लोग सड़क पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा करने में लगे हुए हैं। वहीं आसपास के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे काफी खतरा बढ़ चुका है।

अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे बैजनाथ त्रिपाठी बताते हैं कि वह अपने रिश्तेदार का शव लेकर आए थे, लेकिन घाट पानी में डूबा मिला। मजबूरी में उन्हें श्मशान घाट जाने वाली सड़क पर ही चिता सजानी पड़ी। स्थानीय निवासी मंगल कुमार ने बताया कि प्रशासन से कोई खास मदद नहीं मिल रही, लोग खुद ही अपने इंतजाम से अंतिम संस्कार कर रहे हैं।

श्मशान घाटों पर बढ़ रहा है प्रभाव

प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के उफनाने से पूरी तरह से मुसीबत बढ़ना शुरू हो गई है। बाढ़ आने की वजह से रिहायशी इलाकों में पानी ने प्रवेश करना शुरू कर दिया है और कई मोहल्ले भी बाढ़ की चपेट में आना शुरू हो गए हैं। लोगों के घरों में पानी भर गया है जिससे वह पूरी तरह से परेशान हो रहे हैं। श्मशान घाटों के डूबने के बाद विद्युत शवदाह गृह में शवों का अंतिम संस्कार करने को लेकर पूरी तरह से भीड़ बढ़ चुकी है।

लोगों को अंतिम संस्कार करने को लेकर काफी ज्यादा समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। बाढ़ के चलते अब प्रतिदिन 20 से 22 शवों का अंतिम संस्कार करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। बाढ़ पीड़ितों को राहत देने को लेकर राहत शिविर भी खोले जा चुके हैं। प्रशासन द्वारा लोगों सुरक्षित स्थान पर भेजने की अपील की गई है और बाढ़ पीड़ितों की मदद को लेकर जरूरी कदम उठाने का फैसला लिया गया है।

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