Fatehpur News: सरकंडी में आवास घोटाले का बड़ा खुलासा, 14 सदस्यीय टीम ने की गहन जांच

नमंत्री ग्रामीण आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना में फतेहपुर जिले की सरकंडी ग्राम पंचायत में बड़े पैमाने पर घोटाले का मामला सामने आया है। बुधवार को शासन स्तर से भेजी गई 14 सदस्यीय टीम ने दोबारा मौके पर पहुंचकर जांच की। पढ़ें पूरी खबर

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 11 September 2025, 6:02 PM IST
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फतेहपुर: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना में फतेहपुर जिले की सरकंडी ग्राम पंचायत में बड़े पैमाने पर घोटाले का मामला सामने आया है। बुधवार को शासन स्तर से भेजी गई 14 सदस्यीय टीम ने दोबारा मौके पर पहुंचकर जांच की। टीम में 12 विकासखंड अधिकारी और लखनऊ से आए 2 जॉइंट कमिश्नर शामिल रहे। जांच में भारी अनियमितताएं उजागर हुईं, जिससे प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।

मनरेगा से करोड़ों की गड़बड़ी

टीम की जांच में पाया गया कि आवासों के निर्माण में 90% मनरेगा का पैसा लाभार्थियों के खातों में न जाकर अन्य खातों में ट्रांसफर किया गया। लगभग 250 फर्जी आईडी बनाकर करोड़ों रुपये निकाले गए और बाद में अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से इन आईडी को डिलीट कर दिया गया।

ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप

लक्ष्मणपुर, सैबसी, ख़भरा, सुकरुआ का डेरा और बल्ला का डेरा समेत कई मजरे के लाभार्थियों ने जांच टीम के सामने खुलकर बताया कि उनसे 20 से 25 हजार रुपये तक की वसूली की गई। वहीं, कई लाभार्थियों का नाम तो सूची में दर्ज है लेकिन जमीन पर उनका कोई नामोनिशान ही नहीं मिला। ग्रामीणों का कहना है कि यह घोटाला करोड़ों का है और इसमें बड़े अधिकारियों व प्रधान की सीधी मिलीभगत रही है।

पुराने मुकदमों पर उठे सवाल

बता दें कि इस प्रकरण में पहले भी असोथर विकासखंड अधिकारी की शिकायत पर 10 कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन प्रधान और ब्लॉक स्तर के बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि जांच निष्पक्ष तरीके से कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

650 में से 550 आवासों की जांच पूरी

अब तक की जांच में 650 में से 550 आवासों का सत्यापन हो चुका है। सूत्रों के अनुसार करीब 400 आवासों की जांच अभी शेष है। अधिकारियों का मानना है कि अगर आगे की जांच गहराई से हुई तो घोटाले की रकम इकाई से बढ़कर दहाई तक पहुंच सकती है।

उच्चाधिकारियों पर गिर सकती है गाज

जांच टीम में ग्राम विकास ज्वाइंट डायरेक्टर संजय कुमार पांडेय और बीएन श्रीवास्तव भी शामिल रहे। सूत्रों का कहना है कि दो दिन के भीतर किसी बड़े अधिकारी या कर्मचारी पर गाज गिर सकती है। दरअसल, आवासों के लापता होने और फर्जी लाभार्थियों के नाम सामने आने से यह साफ हो गया है कि इस पूरे खेल में कई बड़े अधिकारी भी जांच की आंच में फंस सकते हैं।

ब्लॉक मुख्यालय में बढ़ी हलचल

करीब 22 दिन बाद मलवा के एएनआरपी सिद्धार्थ द्विवेदी ने चार्ज संभाला है। उनके आने के बाद ब्लॉक मुख्यालय में चहलकदमी तेज हो गई है। अधिकारियों और कर्मचारियों में जांच को लेकर खौफ साफ नजर आ रहा है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए और घोटाले की निष्पक्ष जांच कराकर करोड़ों की सरकारी राशि की वसूली की जाए।

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