

फतेहपुर में ग्रामीणों ने प्रधान सोनम देवी के नाम पर हिस्ट्रीशीटर श्रीराम दुबे और उनके पुत्र पर विकास कार्यों में भ्रष्टाचार, सरकारी धन का गबन और ग्रामीणों को धमकाने का आरोप लगाया। उन्होंने जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की।
भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन
Fatehpur: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां खेसहन विधानखंड हसवा क्षेत्र के ग्रामीणों ने बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया और जिला मुख्यालय पर पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। बता दें कि ग्रामीणों का आरोप था कि ग्राम सभा की प्रधान सोनम देवी के नाम पर प्रधानी का वास्तविक संचालन हिस्ट्रीशीटर श्रीराम दुबे और उनके पुत्र सतीश उर्फ बलराम द्विवेदी द्वारा किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि श्रीराम दुबे और उनके बेटे सतीश द्विवेदी ने मिलकर कई विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है। आरोप यह भी था कि श्रीराम दुबे ने अपनी फर्म ‘श्रीराम ट्रेडर्स’ के नाम से बिना कोई कार्य किए सरकारी धन का गबन किया है। इसके अलावा, ग्रामीणों का कहना है कि जब वे विकास कार्यों की मांग करते हैं तो आरोपित उन्हें धमकाते हुए कहते हैं, “तुम लोगों ने हमें वोट नहीं दिया, इसलिए तुम्हारा काम नहीं होगा।”
UP Crime: फतेहपुर में चोरी की वारदात का 24 घंटे के भीतर खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार
प्रदर्शन में शामिल शिवम अग्निहोत्री ने बताया कि ग्राम सभा में कई योजनाओं, जैसे आवास योजना, मनरेगा मजदूरी भुगतान, हैंडपंप रिबोर, डोंगल प्रधान, पंचायत भवन और खुले बैठक जैसे मामलों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसके अलावा, बिना टेंडर के काम कराए जा रहे हैं, और जब ग्रामीण इसका विरोध करते हैं तो उन्हें हत्या की धमकियां दी जाती हैं।
Img- Internet
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अपील की कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और श्रीराम दुबे तथा उनके सहयोगियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। प्रदर्शन में छोटकू तिवारी, अजय त्रिवेदी, अनिल सविता, शिवम अग्निहोत्री, विनेश, रामकुमार, रमेश, शिवम दुबे, विनोद और अन्य दर्जनों लोग शामिल रहे। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि अगर इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे और भी बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
UP News: फतेहपुर में पीएम आवास मजदूरी भुगतान में करोड़ों का घोटाला,10 अफसर-कर्मचारी नामजद
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने एकजुट होकर यह तय किया कि वे तब तक संघर्ष करेंगे, जब तक उनके आरोपों की पूरी तरह से जांच नहीं की जाती और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती।