बड़ी खबर: ग्रेटर नोएडा से फर्जी रॉ अफसर गिरफ्तार, लैपटॉप में मिला दिल्ली बम ब्लास्ट का Video

ग्रेटर नोएडा में एसटीएफ ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया जो खुद को रॉ अधिकारी बताकर कई सोसाइटी में रह रहा था। उसके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और दिल्ली ब्लास्ट से संबंधित वीडियो बरामद किए गए। आरोपी लंबे समय से अलग-अलग नामों से लोगों को धोखा दे रहा था। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब उसके नेटवर्क और ब्लास्ट वीडियो की उत्पत्ति की जांच कर रही हैं।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 19 November 2025, 12:08 PM IST
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Greater Noida: ग्रेटर नोएडा की पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी में बुधवार को एसटीएफ नोएडा ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया, जो खुद को कभी मेजर अमित तो कभी रॉ (RAW) का वरिष्ठ अधिकारी बताकर लोगों को धोखा दे रहा था। आरोपी की पहचान सुमित कुमार के रूप में हुई है। उसके पास से भारी मात्रा में फर्जी आईडी, दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं। खास बात यह रही कि उसके लैपटॉप में दिल्ली में हाल ही हुए कार धमाके से जुड़ा वीडियो मिला, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और बढ़ गई है। हालांकि, प्रारंभिक जांच में उसके धमाके से सीधे संबंध की पुष्टि नहीं हुई है।

कैसे आरोपी को दबोचा

दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद से सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और लगातार संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इसी दौरान एसटीएफ को ग्रेटर नोएडा से इनपुट मिला। जानकारी की गंभीरता को देखते हुए एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई की और पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी में छापा मारकर आरोपी को पकड़ लिया।

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कब्जे से 10 से अधिक रेंट एग्रीमेंट मिले

अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ (नोएडा यूनिट) राजकुमार मिश्रा ने बताया कि सुमित कुमार एनसीआर की कई सोसाइटी में अलग-अलग नामों से रह चुका है। उसके पास से 10 से अधिक किरायानामा (रेंट एग्रीमेंट), कई फर्जी पहचान पत्र और सरकारी दस्तावेज मिले हैं। वह करीब एक वर्ष से ग्रेटर नोएडा के इस फ्लैट में रह रहा था और खुद को रॉ का बड़ा अधिकारी बताकर लोगों पर धाक जमाता था।

कई फर्जी ईडी कार्ड मिले

एसटीएफ ने आरोपी के पास से बरामद पहचान पत्र की जांच की तो पता चला कि वह पूरी तरह फर्जी है। उसके पर्स से मिला आई-कार्ड ‘कैबिनेट सेक्रेट्रिएट, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के नाम पर जारी दिखाया गया था। जिसमें उसका नाम ‘सुमित कुमार आईसी 7623 बी’, रैंक ‘जॉइंट सेक्रेटरी’ और पद ‘डायरेक्टर (ऑपरेशन), जेआईसी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल’ दर्ज था। कार्ड पर उसकी जन्मतिथि 25 मार्च 1988 लिखी मिली।

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कैसे हुआ खुलासा?

इसके बाद एसटीएफ ने रॉ (RAW) के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। जब अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की तो स्पष्ट हो गया कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति उनके विभाग में कार्यरत नहीं है। इस तरह आरोपी की पोल पूरी तरह खुल गई।

आरोपी के कब्जे से क्या-क्या मिला?

तलाशी के दौरान आरोपी के घर से कई तरह के फर्जी दस्तावेज मिले, जिनमें फर्जी पुलिस वेरिफिकेशन लेटर, चेक बुक, क्रेडिट-डेबिट कार्ड, पैन कार्ड और कई प्रकार की सरकारी आईडी शामिल हैं। एसटीएफ ने बताया कि उसके पास से दो फर्जी आईडी, 20 चेकबुक, दिल्ली पुलिस के नाम पर जारी फर्जी वेरिफिकेशन लेटर, 8 बैंक कार्ड, डायरी, 17 एग्रीमेंट, 5 पैन कार्ड, दो आधार कार्ड, तीन वोटर आईडी कार्ड, दो कंपनी संबंधी रजिस्ट्रेशन कागजात, ITR दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट, 3 लैपटॉप और 2 टैबलेट सहित बड़ी मात्रा में सामग्री जब्त की गई है।

नकली पुलिस वेरिफिकेशन लेटर घर से मिला

फ्लैट मालिक मंजू गुप्ता ने एसटीएफ को बताया कि आरोपी ने किराये पर घर लेते समय अपना नाम ‘मेजर अमित कुमार’ बताया था और उसने दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर के लेटरहेड पर जारी नकली पुलिस वेरिफिकेशन लेटर भी दिया था। फ्लैट मालिक ने वही दस्तावेज एसटीएफ को भेजे, जिसके बाद पूरा मामला संदिग्ध लगने लगा।

Location : 
  • Greater Noida

Published : 
  • 19 November 2025, 12:08 PM IST