

योगी और मोदी सरकार जहाँ जीरो टॉलरेंस नीति की बात करती हैं, वहीं सुल्तानपुर के पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार पर मनमानी और नियमों की अनदेखी के आरोप लग रहे हैं।
अधिशासी अभियंता पर मनमानी का आरोप
सुल्तानपुर: योगी और मोदी सरकार जहाँ जीरो टॉलरेंस नीति की बात करती हैं, वहीं सुल्तानपुर के पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार पर मनमानी और नियमों की अनदेखी के आरोप लग रहे हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार उन्होंने कार्य विभाजन में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए सीनियर सहायक अभियंता को अपेक्षाकृत कम चार्ज दिया, जबकि जूनियर सहायक अभियंताओं को अधिक चार्ज सौंप दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि अधिशासी अभियंता ने अपने नज़दीकी अभियंताओं को तरजीह देते हुए अतिरिक्त ज़िम्मेदारियाँ सौंपीं, जबकि वरिष्ठ अभियंताओं को दरकिनार कर दिया गया। इससे विभागीय कर्मचारियों में रोष है और सवाल उठ रहा है कि क्या अधिशासी अभियंता नियम-कायदों को ताक पर रखकर मनमानी कर रहे हैं।
विधायक से टकराव भी आया सामने...
हाल ही में जयसिंहपुर विधानसभा से भाजपा विधायक राज बाबू उपाध्याय के साथ अधिशासी अभियंता का विवाद सुर्खियों में रहा। विधायक ने सवाल उठाया कि बिना काम शुरू हुए ही क्वालिटी चेक का दावा करना कैसे संभव है। इस मुद्दे पर विधायक नाराज़ बताए जाते हैं। वहीं, अधिशासी अभियंता पर यह भी आरोप है कि उनसे जुड़े कुछ लोगों ने 25 लाख रुपये की रंगदारी माँगी थी। हालाँकि विधायक ने इन आरोपों को निराधार बताया।
लैब टेस्टिंग और गुणवत्ता को लेकर सवाल..
गोलाघाट से लेकर रतनपुर तक चल रहे चौड़ीकरण कार्य की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि अब तक कार्य की लैब टेस्टिंग नहीं कराई गई, जबकि अधिशासी अभियंता लगातार गुणवत्ता जाँच की बात करते रहे हैं।
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शासन में बड़े अधिकारियों से मजबूत पकड़?
सूत्रों का कहना है कि अधिशासी अभियंता अरुण कुमार की प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों तक गहरी पकड़ है। इसी कारण वह नियमों की परवाह किए बिना अपने मनमाने तरीके से काम करते हैं। यहां तक कि वह पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के फोन भी अक्सर अनसुने कर देते हैं। एक कांग्रेसी नेता ने अपने नाम को गोपनीय रखने के लिए कहा उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले की शिकायत वह जिला अधिकारी से करेंगे और जांच की मांग करेंगे
भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का खुलासा...
स्थानीय स्तर पर यह मांग उठ रही है कि जिलाधिकारी कुमार हर्ष अधिशासी अभियंता अरुण कुमार के कार्यकाल की सभी फाइलों की गहन जांच कराएं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि ऐसा होने पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का खुलासा हो सकता है।