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मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में स्कूल बस चालक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जांच में खुलासा हुआ कि पत्नी अंशु ने अपने प्रेमी देवर नवनीत के साथ मिलकर पति की हत्या कराई। पुलिस ने नवनीत को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पत्नी फरार है। मोबाइल की मिस कॉल ने पूरे हत्याकांड का राज खोला।
विलाप करता हुआ परिवार
Muradabad: मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जहां नया गांव बहादुर नगर निवासी स्कूल बस चालक रूपेंद्र सिंह चौहान (35) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शुरुआती जांच में पुलिस ने इसे संदिग्ध मानते हुए गहराई से जांच की और कुछ घंटों में ही पूरा हत्याकांड खोल दिया। जांच में सामने आया कि हत्या रूपेंद्र की पत्नी अंशु ने अपने प्रेमी और उसके चचेरे देवर नवनीत के साथ मिलकर कराई थी। आरोपी नवनीत एक बीएससी का छात्र है और वारदात के बाद ऐसे व्यवहार कर रहा था जैसे कुछ हुआ ही न हो।
कैसे शुरू हुआ था विवाद?
रूपेंद्र के पिता योगेंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि करीब 7 वर्ष पहले रूपेंद्र की शादी लौंगी खुर्द निवासी नरेश सिंह की बेटी अंशु से हुई थी। दंपति के दो बच्चे हैं। पिछले कुछ महीनों से रूपेंद्र के परिवार को शक था कि अंशु और नवनीत के बीच अवैध संबंध हैं। जब रूपेंद्र ने इसका विरोध किया तो नवनीत ने उसे धमकी दी थी- “जैसा चल रहा है, चलने दो… वरना जान से हाथ धो बैठोगे।” इस विवाद को लेकर गांव में कई बार पंचायतें भी हुई, लेकिन दोनों ने रिश्ते खत्म नहीं किए।
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वारदात से पहले मायके चली गई थी बीवी
पुलिस ने बताया कि नवनीत और अंशु ने मिलकर रूपेंद्र को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। योजना के तहत वारदात से दो दिन पहले अंशु अपने बच्चों को लेकर मायके चली गई। उसे छोड़ने खुद रूपेंद्र गया था। इसके बाद सोमवार की रात वह घर लौटा और रोज की तरह सो गया।
कैसे किया मर्डर?
रात करीब 10:30 बजे नवनीत चोरी-छिपे रूपेंद्र के घर पहुंचा और सोते समय उसके सिर पर 315 बोर के तमंचे से गोली मारकर फरार हो गया। हैरानी की बात यह रही कि हत्या करके वह अपने घर जाकर सामान्य तरीके से सो गया, जिससे किसी को उसकी हरकतों पर शक न हो।
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आत्महत्या से हत्या में बदला मामला
मंगलवार सुबह जब रूपेंद्र रोज की तरह स्कूल बस चलाने के लिए नहीं उठा तो उसके पिता योगेंद्र उसे देखने पहुंचे। कमरे में प्रवेश करते ही उन्होंने बेटे को खून से लथपथ मृत पाया। पहली नजर में मामला आत्महत्या जैसा प्रतीत हुआ, लेकिन मौके से बरामद गोली का खोखा और तमंचे का गायब होना हत्या की ओर इशारा कर रहा था।
पुलिस टीम मौके पर पहुंची
सूचना पर कोतवाली प्रभारी मनोज परमार, सीओ आशीष प्रताप सिंह और एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह फोरेसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। छह घंटे की जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने शक के दायरे में आए नवनीत को हिरासत में लेकर उसका मोबाइल खंगाला।
कैसे हुआ खुलासा?
मोबाइल की कॉल डिटेल में मिला सुबह 4 बजे अंशु की मिस कॉल, जिसने पूरे मामले की तस्वीर साफ कर दी। पुलिस के अनुसार, अंशु ने अपने मोबाइल से कॉल और मैसेज डिलीट करने की कोशिश की थी। पूछताछ में नवनीत टूट गया और उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। उसने वह तमंचा भी बरामद करा दिया जिसे उसने घटना के बाद घर के पास जमीन में गाड़ दिया था।
रूपेंद्र की मौत से परिवार में मातम पसरा हुआ है। उसकी मां पहले ही गुजर चुकी थी और पिता दूसरी पत्नी के साथ अलग रहते हैं। बेटे की मौत की खबर सुनकर पिता, सौतेली मां, बहन और परिजन रो-रोकर बेहाल हो गए। सबसे बड़ा दुख उसके दो छोटे बच्चों पर आया है, जिनके सिर से पिता का साया उठ गया है। पुलिस ने नवनीत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि अंशु की तलाश जारी है। दोनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।