

गोरखपुर जनपद के खजनी कस्बे में नाला निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार ने स्थानीय जनता को परेशान कर दिया है। चार महीने बीत जाने के बावजूद महज 400 मीटर नाले का निर्माण हुआ है। बारिश से पहले काम पूरा न होने पर लोग जलभराव की आशंका से चिंतित हैं।
नाली का निर्माण अधूरा
Gorakhpur: गोरखपुर के खजनी कस्बे में नाला निर्माण कार्य की कछुआ गति ने स्थानीय लोगों का सब्र तोड़ दिया है। बारिश का मौसम सिर पर है, लेकिन बीते चार महीनों से चल रहा नाला निर्माण कार्य सामग्री की कमी और कार्यदाई संस्था के उदाशीनता और ठेकेदारों की लापरवाही के चलते अधर में लटक गया है। कार्यदाई संस्था की मनमानी और गुणवत्ता में कमी की शिकायतों ने जनता का गुस्सा भड़का दिया है। लोग जल निकासी की समस्या से परेशान हैं और निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, स्थानीय निवासियों गब्बू मद्देशिया, शतीस उपाध्याय, रामबृक्ष वर्मा, मदन सिंह, राघवेंद्र शर्मा सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि चार महीने पहले जब नाला निर्माण शुरू हुआ था, तो कस्बे में खुशी की लहर थी। लोगों को उम्मीद थी कि बारिश से पहले नाला बनकर जल निकासी की समस्या से निजात दिलाएगा। लेकिन चार माह में 500 मीटर नाले का निमार्ण पूर्ण नही हुआ है। इतने लंबे समय में मात्र 400 मीटर नाला बनना कार्य की सुस्ती का प्रमाण है। लोगों का आरोप है कि ठेकेदार मानकों का पालन नहीं कर रहे और गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है।
बारिश के कारण बढ़ी परेशानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या विकराल हो जाती है। गलियों में पानी भरने से आवागमन में दिक्कत होती है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। नाले के निर्माण से राहत की उम्मीद थी, लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही ने इस उम्मीद को तोड़ दिया। लोगों ने बताया कि सामग्री की आपूर्ति में देरी और कार्यदाई संस्था की उदासीनता के कारण काम रुका हुआ है। कई जगहों पर निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है, जिससे बारिश में स्थिति और बिगड़ सकती है।
जनता ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कार्यदाई संस्था और ठेकेदारों पर सख्ती की जाए। गुणवत्ता की जांच हो और समयबद्ध तरीके से काम पूरा किया जाए। लोगों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही कार्य में तेजी नहीं लाई गई, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे। यह मामला अब प्रशासन के लिए चुनौती बन चुका है। आलम यह है कि खजनी की जनता को नाले की सौगात तो मिली, लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही ने इसे बोझ बना दिया।