हिंदी
रायबरेली में जमीन कब्जे के मामले को लेकर पीड़ित परिवार डीएम ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गया। बछरावां थाना क्षेत्र के पलही बाजार में जमीन पर कब्जे और जातीय आधार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पीड़ितों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
Raebareli: रायबरेली के बछरावां थाना क्षेत्र के पलही बाजार में जमीन पर कब्जे और जातीय आधार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पीड़ितों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आरोप है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद न तो पुलिस ने कार्रवाई की और न ही प्रशासन ने उनकी सुनवाई की। पीड़ित पक्ष के मुताबिक गाटा संख्या 583 की चार बिस्वा जमीन पर कुछ प्रभावशाली लोग जबरन कब्जा करना चाहते हैं। उनका कहना है कि 16 जुलाई की सुबह पूर्व प्रधान का बेटा अमित सिंह उर्फ राजन सिंह अपने साथियों के साथ हथियारों से लैस होकर पहुंचा और खड़ी फसल को ट्रैक्टर से जोतकर कब्जा कर लिया। विरोध करने पर उन्हें धमकाया गया।
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि इसके बाद 10-12 युवक हथियारों के साथ उनके घर पहुंचे और दबाव बनाकर बयान बदलने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि 112 नंबर सहित अन्य माध्यमों से शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब पीड़ितों ने जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि अगर समय रहते उनकी जमीन और जानमाल की सुरक्षा नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
हरीराम ने पुलिस अधीक्षक और तहसील दिवस में भी अपनी समस्या रखी। उनका कहना है कि आरोपियों के पास न तो उनकी खतौनी में नाम है और न ही आसपास उनकी कोई भूमि है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि आरोपी उन्हें जातीय आधार पर अपमानित कर रहे हैं। वे उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं।
हरीराम का कहना है कि राजनीतिक संरक्षण और प्रशासनिक निष्क्रियता के कारण पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। अपनी रोजी-रोटी और सम्मान बचाने के लिए वह अब जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना देने को मजबूर हैं।
दूसरी ओर, मौके पर पहुंची राजस्व टीम ने मामले की जांच के बाद बताया है कि पीड़ित पक्ष के भूमिधरी काश्तकार द्वारा जमीन को आरोपी को बेचा जा चुका है। इसका दाखिल खारिज राजस्व के अभिलेखों में दर्ज है। राजस्व टीम के अनुसार धरना देकर राजस्व अभिलेखों में दर्ज जमीन को पुनः भूमिधरी काश्तकार को वापस दिलाने की मांग की जा रही है, जो न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है।