

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। मुजफ्फरनगर जिले में दर्जनों कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और मुआवजे की प्रक्रिया जारी है।
मुजफ्फरनगर में बारिश की वजह से गिरा मकान
Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इन दिनों मूसलाधार बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। दोनों राज्यों के कई जिले जलभराव और तेज हवाओं की चपेट में आ चुके हैं, जिससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां बीते तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश ने तबाही मचा दी है।
मुजफ्फरनगर जिले के ग्रामीण इलाकों में बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। प्रशासन का कहना है कि जिले में अब तक 23 कच्चे मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जबकि एक मकान पूरी तरह से गिर गया है। इन घटनाओं के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं और सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।
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तेज हवाओं और लगातार हो रही बारिश ने जिले के किसानों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। खेतों में पानी भर जाने और फसलों के गिर जाने से धान, गन्ना और सब्जियों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। किसानों का कहना है कि अगर जल्द मुआवजा नहीं मिला तो उनका साल भर की मेहनत का नुकसान नहीं भर पाएंगे। इससे उन्हें भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
बारिश के बीच एक दर्दनाक हादसा भी सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई। बताया जा रहा है कि उक्त व्यक्ति को बारिश के दौरान बिजली का करंट लग गया। स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और पीड़ित परिवार को शीघ्र सहायता देने का आश्वासन दिया गया है।
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अपर जिलाधिकारी (राजस्व) गजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रभावित इलाकों में राजस्व विभाग की टीमें पहुंच चुकी हैं और नुकसान का आकलन कर लिया गया है। सभी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई हैं और पीड़ितों के खातों में जल्द ही राहत राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके साथ ही प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान घरों में ही रहें और सतर्कता बरतें।
इधर, मौसम विभाग ने भी चेतावनी जारी की है कि आने वाले कुछ दिनों तक पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश जारी रह सकती है। उत्तराखंड के कुछ पहाड़ी जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। विभाग ने बिजली गिरने, भूस्खलन और जलभराव जैसी घटनाओं को लेकर अलर्ट रहने को कहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने राहत शिविरों की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही ग्रामीण इलाकों में नाव, ट्रैक्टर और ट्रॉली के जरिये लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का काम भी जारी है।