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हरियाणा में लगातार बारिश और उफनती नदियों ने हालात गंभीर बना दिए हैं। छह नेशनल हाईवे पानी में डूब गए हैं और 200 से ज्यादा गांव जलमग्न हैं। अब तक पांच लोगों की मौत और कई लापता होने की खबर है।
हरियाणा में बाढ़ का कहर
Haryana: हरियाणा इस समय भीषण बाढ़ संकट का सामना कर रहा है। लगातार बारिश और पहाड़ी इलाकों से छोड़े गए पानी के चलते राज्य की प्रमुख नदियां यमुना, घग्गर, टांगरी और मारकंडा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। तेज बहाव ने न केवल ग्रामीण इलाकों को प्रभावित किया है, बल्कि शहरों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। निचले इलाकों में पानी भरने से आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
हरियाणा की लाइफलाइन माने जाने वाले छह नेशनल हाईवे पर बाढ़ का सीधा असर पड़ा है। हिसार जिले में हांसी-बरवाला नेशनल हाईवे-148बी पर गांव चानौत के पास करीब एक किलोमीटर लंबे हिस्से में पानी भर गया, जिसके चलते यातायात को दूसरे मार्ग पर डायवर्ट करना पड़ा। इसी तरह, हिसार-चंडीगढ़ एनएच-52 और दिल्ली-हिसार एनएच-9 भी पानी में डूब गए हैं। अंबाला में अंबाला-रुड़की एनएच-344 और अंबाला-दिल्ली एनएच-44 पर पानी बह रहा है, जिससे एक लेन को बंद करना पड़ा। इन हाईवे के प्रभावित होने से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिवहन बाधित हो गया है। कई जगहों पर गाड़ियां रेंग-रेंगकर चल रही हैं, जबकि कुछ मार्ग पूरी तरह बंद हैं।
हरियाणा में बाढ़ का कहर
बाढ़ का असर गांवों और स्कूलों तक पहुंच गया है। अंबाला जिले में 146 से ज्यादा गांव पानी में डूब गए हैं। हिसार के 28 गांव, भिवानी के 15, चरखी दादरी के 30, फरीदाबाद के 27 और कुरुक्षेत्र के 20 गांव प्रभावित हुए हैं। स्कूलों में भी पानी भरने से कक्षाएं बाधित हुई हैं। प्रशासन ने हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और कैथल समेत कई जिलों में कक्षा 6 तक के स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। करनाल और पानीपत के तटवर्ती इलाकों में 125 से ज्यादा विद्यालय अगले आदेश तक बंद रहेंगे।
स्थिति बिगड़ने पर राहत और बचाव कार्यों के लिए SDRF और सेना को मोर्चे पर उतारा गया है। अंबाला में पानी ने इंडस्ट्रियल एरिया तक दस्तक दे दी, जिससे कई लोग फंस गए। देर रात शुरू हुए बचाव अभियान में अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
तेज बहाव ने कई जगह तटबंध और ड्रेन को भी तोड़ दिया है। हिसार, फतेहाबाद, रोहतक, सिरसा और कुरुक्षेत्र में कई जगह पानी की धाराओं ने तटबंधों को तोड़कर गांवों को डूबो दिया। इस्माईलाबाद के नैसी गांव में टूटा 100 फीट लंबा तटबंध अभी तक दुरुस्त नहीं हो सका है। इससे निचले इलाकों में और खतरा बढ़ गया है।
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बाढ़ और जलभराव की वजह से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता हैं। फरीदाबाद में एक बच्चा नाले में बह गया, जबकि अंबाला में करंट लगने से युवक की मौत हो गई। सोनीपत और पल्ला थाना इलाके में भी डूबने की घटनाएं सामने आई हैं। हिसार में बचाव कार्य के दौरान एक मजदूर की मौत हो गई।
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