

शारदीय नवरात्रि पर मूर्तियों के विसर्जन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिए थे कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और घाटों तक आने-जाने वाले मार्गों की साफ-सफाई व मरम्मत समय रहते करा दी जाए। पढ़ें पूरी खबर
फतेहपुर: शारदीय नवरात्रि पर मूर्तियों के विसर्जन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिए थे कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और घाटों तक आने-जाने वाले मार्गों की साफ-सफाई व मरम्मत समय रहते करा दी जाए। मगर असोथर विकासखंड क्षेत्र में जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते स्थिति बिल्कुल उलट दिख रही है।
यमुना नदी घाट तक जाने के लिए 500 मीटर का रास्ता
ग्राम पंचायत घाटमपुर में यमुना नदी घाट तक जाने के लिए 500 मीटर का रास्ता ही नहीं है। भक्तों को खेतों और जंगली कांटों के बीच से गुजरकर मूर्तियों का विसर्जन करने जाना पड़ेगा। इसी प्रकार रामनगर कौहन गांव में भी नदी घाट तक पहुंचने वाले मार्ग को न तो समतल किया गया है और न ही वहां लगे कंटीले पौधे हटाए गए हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को मूर्ति विसर्जन के दौरान भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
मूर्ति विसर्जित करने के लिए अस्थाई रूप से रास्ता
वहीं, ग्राम पंचायत सरकंडी के तेलान बाबा मंदिर स्थित नदी घाट तक का मार्ग पहले से ही ग्राम प्रधान द्वारा खड़ंजा लगवाकर बनवा दिया गया था। इस कारण यहां भक्तों को सुगमता से मूर्तियों के विसर्जन की सुविधा मिलेगी।इस मामले में लेखपाल सुरभूप पांडेय ने बताया कि घाटमपुर के यमुना नदी किनारे जाने का नक्शे में रास्ता दर्ज नहीं है। ग्राम समाज की जमीन निकालने के बाद स्थायी रूप से सरकारी जमीन से मार्ग तैयार किया जाएगा। वहीं मूर्ति विसर्जित करने के लिए अस्थाई रूप से रास्ता तैयार करवाया जाएगा।
कांटों के बीच से होकर मूर्तियों का विसर्जन
वहीं मामले पर खंड विकास अधिकारी राहुल मिश्रा ने फोनिक वार्ता दौरान कहा कि दो दिनों के अंदर वैकल्पिक रास्ता बनवा दिया जाएगा। स्थानीय ग्रामीणों में भागवत तिवारी जमलामऊ का कहना है, सरकार तो सुविधा देने की बात करती है लेकिन हमें आज भी खेतों और कांटों के बीच से होकर मूर्तियों का विसर्जन करना पड़ रहा है। छोटे बच्चों और महिलाओं को इसमें बहुत कठिनाई होती है।
श्रद्धा आहत होने के साथ-साथ कोई बड़ा हादसा
वहीं रामप्रताप वर्मा कौडर ने बताया, अगर जिम्मेदार लोग समय रहते रास्ते को समतल करा देगे तो भक्तों को किसी तरह की दिक्कत न होती। यह लापरवाही आस्था के साथ खिलवाड़ है।ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बाद भी संबंधित विभागों ने ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर समय रहते मार्ग दुरुस्त नहीं किए गए तो भक्तों की श्रद्धा आहत होने के साथ-साथ कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है।