गंगा-यमुना में उफान से बढ़ा खतरा: पानी बस्तियों की ओर बढ़ा, महिलाएं-बच्चे भेजे जा रहे बाहर

गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि से प्रयागराज के कछारी क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दोनों नदियों का जलस्तर 82 मीटर से ऊपर पहुंच चुका है, जिससे कई निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है। प्रशासन ने राहत शिविर सक्रिय कर दिए हैं और लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 19 July 2025, 1:06 PM IST
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Prayagraj News: गंगा और यमुना नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार शाम तक यमुना का जलस्तर नैनी में 82.12 मीटर पहुंच गया, जो गुरुवार की तुलना में एक मीटर अधिक है। वहीं, गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 82.13 मीटर और छतनाग में 131 सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ दर्ज किया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इस बढ़ते जलस्तर के कारण कछार की बस्तियों में खतरा बढ़ गया है। छोटा बघाड़ा, सलोरी, नेवादा, अशोक नगर और बेली कछार जैसे इलाकों में पानी बस्तियों के बिल्कुल करीब पहुंच चुका है। शाम को ही छोटा बघाड़ा और अशोक नगर की सड़कों पर गंगा की लहरें देखी गईं।

प्रति घंटे बढ़ रहा जलस्तर

सिंचाई विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, यमुना में प्रति घंटे पांच सेंटीमीटर और गंगा में तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है। ऐसे में रात होते-होते कई इलाकों में सड़कों और बस्तियों में पानी घुसने की आशंका जताई जा रही है। शिवकुटी की चिल्ला बस्ती की सड़कों पर पानी पहुंच गया है, जिससे वहां के निवासी घरों का सामान समेटने लगे हैं। स्थानीय निवासी राहुल ने बताया कि वे ज़रूरी सामान ऊपरी मंजिल पर शिफ्ट कर रहे हैं ताकि जलभराव की स्थिति में नुकसान न हो।

महिलाएं-बच्चे भेजे जा रहे रिश्तेदारों के घर

निचले इलाकों में रह रहे लोगों ने स्थिति को भांपते हुए अपने-अपने घरों में सामान समेटना शुरू कर दिया है। बेली कछार के संजय और सुभाष ने बताया कि पानी घर के पास पहुंच गया है, इसलिए उन्होंने ज़रूरी सामान पहले ही ऊपरी मंजिल पर पहुंचा दिया है। कई परिवारों ने महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों या रिश्तेदारों के यहां भेजने की योजना बनाई है, जबकि कुछ सदस्य घर पर रुककर सामान की निगरानी करेंगे।

राहत शिविरों की व्यवस्था पूरी

प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए आठ बाढ़ राहत शिविर सक्रिय कर दिए हैं। एनी बेसेंट स्कूल, ऋषिकुल (न्याय मार्ग) और छावनी गेस्ट हाउस में शिविर तैयार किए गए हैं। एसडीएम सदर अभिषेक सिंह ने बताया कि यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा, तो शनिवार सुबह तक पानी बस्तियों में घुस सकता है। इसीलिए प्रशासन ने टेंट हाउस से बिस्तरों और खाना बनाने की व्यवस्था पहले ही कर ली है।

एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम तैनात

बाढ़ संभावित इलाकों में लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। सिविल डिफेंस की टीम ने छोटा बघाड़ा, अशोक नगर, शिवकुटी और चिल्ला बस्ती का निरीक्षण किया है। बाढ़ राहत के लिए एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं, जो लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही हैं। जरूरत पड़ने पर नावों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।

60 लाख रुपये की मांगी गई राहत राशि

प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज करने के लिए 60 लाख रुपये की मांग की है। जिलाधिकारी द्वारा राहत आयुक्त को पत्र भेजकर इस राशि की मांग की गई है ताकि समय रहते सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा सकें।

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