महोबा में फसल बीमा घोटाला: कंपनी ने किसानों के साथ किया करोड़ों का धोखा, आरोपियों को जेल भेजने की मांग

महोबा जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनी द्वारा किसानों के साथ धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है। इस मामले में बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। किसान अब दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 29 August 2025, 6:28 PM IST
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Mahoba: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनी ने किसानों के साथ धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया है। इस घोटाले में बीमा कंपनी के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने किसानों की भूमि का फर्जी तरीके से बीमा किया और लाखों रुपये का बीमा क्लेम उठाया। इस खुलासे के बाद जिले में भारी बवाल मच गया है और किसान अब कंपनी के अधिकारियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए आंदोलित हैं। किसानों ने आरोपियों को जेल भेजने की मांग की है और इस मामले में प्रशासन ने एक्शन लेते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है।

क्या है फसल बीमा घोटाले का मामला?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, जैसे सूखा, बाढ़, या कीटों के हमले से बचाने और फसल की खराबी पर राहत प्रदान करना था। लेकिन महोबा में इस योजना के तहत हुए घोटाले ने किसानों का भरोसा तोड़ दिया है। जिले में इफको-टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी पर आरोप है कि उसने किसानों की भूमि का बीमा फर्जी तरीके से अन्य व्यक्तियों के नाम पर कर दिया। जांच में सामने आया कि कंपनी ने महोबा के किसानों के नाम से बीमा तो किया, लेकिन भूमि का रजिस्ट्रेशन दूसरों के नाम पर किया था। जब यह घोटाला सामने आया तो जांच में पाया गया कि 41 किसान जिनके नाम पर बीमा हुआ था, वे महोबा जिले के नहीं थे, बल्कि अन्य जिलों के थे। इन किसानों को न तो बीमा पॉलिसी की जानकारी दी गई और न ही उन्हें कोई लाभ मिला। इसके बावजूद, बीमा क्लेम का भुगतान किया गया। यह खुलासा होने के बाद, महोबा के किसान सड़क पर उतर आए और धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

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किसान क्यों हैं नाराज?

महोबा के किसान, जो सालों से खेती करते आ रहे हैं, ने बीमा कंपनी पर आरोप लगाया कि यह घोटाला उनके साथ धोखा है। कई किसानों ने बताया कि उन्हें बीमा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी और न ही किसी तरह का लाभ मिला। रामदीन और सुरेश कुमार, दो प्रमुख किसान नेताओं ने कहा कि यह घोटाला किसानों के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि जब तक आरोपियों को जेल में नहीं डाला जाएगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने डीएम गजल भारद्वाज से मामले की जांच के लिए अपील की थी, जिसके बाद उन्होंने तीन तहसीलों में जांच के लिए समिति गठित की। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बीमा कंपनी ने किसानों का डाटा बिना वेरिफाई किए बीमा क्लेम का भुगतान किया। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट हुआ कि क्लेम का भुगतान दूसरों के नाम पर किया गया, जोकि पूरी तरह से धोखाधड़ी थी।

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जिला प्रबंधक सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज

घोटाले के खुलासे के बाद, उप कृषि निदेशक राम सजीवन ने सदर कोतवाली में इफको-टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के जिला प्रबंधक निखिल चतुर्वेदी और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 318(4) और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे किसानों का गुस्सा बढ़ गया है।

किसानों की मांग

किसान इस बात से नाराज हैं कि अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है और आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। किसानों का कहना है कि जब तक आरोपियों को कड़ी सजा नहीं दी जाती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने यह भी कहा कि सरकार को इस मामले में शीघ्र निर्णय लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

Location : 
  • Mahoba

Published : 
  • 29 August 2025, 6:28 PM IST