

गोरखपुर के खजनी थाना क्षेत्र स्थित भगवानपुर गांव में बच्चों के मामूली झगड़े ने बुधवार की शाम हिंसक मोड़ ले लिया। गांव के ज्वेलरी कारोबारी और उनके बेटे रोहन को बबलू सिंह ने गोली मार दी।
गोरखपुर के खजनी में खूनी खेल
गोरखपुर | खजनी: गोरखपुर के खजनी थाना क्षेत्र स्थित भगवानपुर गांव में बच्चों के मामूली झगड़े ने बुधवार की शाम हिंसक मोड़ ले लिया। गांव के प्रतिष्ठित ज्वेलरी कारोबारी उमेश जायसवाल और उनके 17 वर्षीय बेटे रोहन को उसी गांव के निवासी दुर्गा सिंह उर्फ बबलू सिंह ने गोली मार दी। वारदात उस समय हुई जब पिता-पुत्र अपनी दुकान बंद कर घर लौट रहे थे। गंभीर रूप से घायल दोनों को पहले जिला अस्पताल और फिर देर रात पीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया गया। जहां उमेश जायसवाल की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, लेकिन बेटा रोहन अब भी वेंटिलेटर पर है और डॉक्टरों की निगरानी में है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, घटना बुधवार 25 जून की शाम करीब 7 बजे की है। जैसे ही उमेश जायसवाल अपने बेटे के साथ दुकान से लौटते हुए चौराहे के पास पहुंचे, पहले से घात लगाए बैठे बबलू सिंह ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक के बाद एक तीन राउंड फायरिंग की गई, जिसमें एक गोली रोहन के सीने और एक उमेश के पेट में लगी।स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत दोनों को खून से लथपथ हालत में सीएचसी पहुंचाया, जहां से डॉक्टरों ने नाजुक हालत में लखनऊ रेफर कर दिया।
वारदात के बाद खजनी पुलिस सक्रिय हुई और थानाध्यक्ष अनूप सिंह के नेतृत्व में दबिश देकर आरोपी दुर्गा सिंह उर्फ बबलू सिंह को रात में ही उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसके पास से घटना में प्रयुक्त देसी कट्टा भी बरामद कर लिया है। आरोपी पर हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
जांच में सामने आया है कि दोनों परिवारों के बीच तनातनी की जड़ें तीन महीने पुराने बच्चों के वॉलीबॉल खेल के विवाद से जुड़ी हैं। बीते रविवार को रास्ते के विवाद ने फिर तूल पकड़ा, जिसके बाद कहासुनी और गाली-गलौज हुई थी। परिजनों का आरोप है कि बबलू सिंह ने तब ही गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।
परिजनों का आरोप है कि उन्होंने दो दिन पहले ही थाने को लिखित सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अगर समय रहते कार्रवाई होती, तो गोली चलने जैसी वारदात टाली जा सकती थी।गांव के लोगों ने पुलिस प्रशासन की ढिलाई पर भी सवाल खड़े किए हैं और आरोपी को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।
घटना के बाद पूरे भगवानपुर गांव में सन्नाटा पसरा है। लोग डरे हुए हैं और खासतौर पर बच्चे और महिलाएं घर से निकलने से कतरा रहे हैं। पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में फ्लैग मार्च किया और फोर्स की तैनाती कर दी गई है। खजनी पुलिस का कहना है कि मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है। गांव में सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लिए जा रहे हैं। आरोपी के आपराधिक इतिहास की भी जांच चल रही है। क्या बच्चों के खेल का अंत गोली से होना चाहिए था? गांव, प्रशासन और समाज — तीनों से यह सवाल किया जा रहा है। लोगों की एक ही मांग है – ऐसे लोगों को कड़ी सजा मिले ताकि किसी और के घर का चिराग यूं न बुझे।