स्वास्थ्य व्यवस्था पर CMO की सख्ती, सीएचसी और पीएचसी में मारा छापा, डॉक्टर से लेकर स्वीपर तक लापता

महराजगंज में सीएमओ श्रीकांत शुक्ला के औचक निरीक्षण में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लापरवाही सामने आई। कई कर्मचारियों का वेतन रोका गया। जानें पूरी खबर

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 29 June 2025, 5:23 PM IST
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Maharajganj: जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) श्रीकांत शुक्ला ने रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) चौक, CHC मिठौरा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) चौक का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई खामियां और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई, जिस पर सीएमओ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सीएमओ के निरीक्षण में 28 जून को डॉ. प्रमोद कुमार ड्यूटी से गैरहाजिर पाए गए, जबकि 29 जून को लेफ्टिनेंट राहुल कुमार कन्नौजिया, स्वीपर अवधराज और अंगिरा और आयुष्मान मित्र राजन वर्मा ड्यूटी से अनुपस्थित मिले। इन सभी का एक दिन का वेतन रोक दिया गया है।

वार्ड में मिली गंदगी मिलने पर जताई नाराजगी

निरीक्षण के समय केंद्र पर दो मरीज भर्ती पाए गए, जिनमें एक प्रसव केस और दूसरा सामान्य भर्ती था। जब सीएमओ ने प्रसव कक्ष और वार्ड का निरीक्षण किया, तो वहां भारी गंदगी मिली। उन्होंने नाराजगी जताते हुए तत्काल सफाई कराने का निर्देश दिया। वहीं ORS कॉर्नर केंद्र में मौजूद नहीं था, जिसे सीएमओ ने अपने समक्ष तुरंत बनवाया। ORS और जिंक की गोलियों की उपलब्धता पूछने पर उन्हें यह सामग्री उपलब्ध पाई गई।

वहीं प्रसव विभाग की लापरवाही भी उजागर हुई, जब पता चला कि सात प्रसवों को अब तक ‘मंत्रा एप’ पर अपलोड नहीं किया गया है। इस पर स्टाफ नर्स किरण और चंद्रकला से जवाब-तलब करते हुए उनका स्पष्टीकरण मांगा गया है।

PHC चौक का निरीक्षण

यहां निरीक्षण के समय अधिकांश स्टाफ उपस्थित पाया गया, लेकिन स्टाफ नर्स ममता अनुपस्थित थीं। उनका भी एक दिन का वेतन रोका गया है। निरीक्षण के दौरान कुल 28 मरीजों को देखा गया था।

CHC मिठौरा का निरीक्षण

CHC मिठौरा में इमरजेंसी वार्ड में एक मरीज भर्ती मिला। लेकिन वार्ड ब्वॉय राजेश गुप्ता अनुपस्थित पाए गए, जिस पर उनका दो दिन का वेतन बाधित किया गया। इसके अलावा, स्टाफ नर्स सीमा और सविता ने दो प्रसवों को मंत्रा ऐप पर अपलोड नहीं किया था। साथ ही मरीजों को नियमानुसार 48 घंटे तक भर्ती नहीं रखा जा रहा था। इस पर दोनों से स्पष्टीकरण मांगा गया और वेतन रोका गया।

सीएमओ ने जून माह में NBSU (नवजात शिशु देखभाल इकाई) में कोई बच्चा भर्ती न किए जाने पर भी नाराजगी जताई और संबंधित स्टाफ को निर्देशित किया कि जरूरत अनुसार बच्चों को भर्ती कर आवश्यक उपचार सुनिश्चित किया जाए।

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