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यूपी के लखीमपुर खीरी में सीएमओ नाइट ब्लट सर्वे का निरीक्षण करने पहुंचे। पूरी खबर के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
नाइट ब्लट सर्वे का निरीक्षण
लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमुर खीरी जनपद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत नाइट ब्लड सर्वे हेतु शिविरों का आयोजन जिले भर में किया जा रहा है। रात पलिया सीएचसी के अंतर्गत ग्राम मुरादखेड़ा में सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता औचक निरीक्षण पर पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों से बात भी की।
दो जून से शूरू हुआ था ब्लड सर्वे
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 2 जून से 4 जून तक नाइट ब्लड सर्वे किया जा रहा है। जानकारी देते हुए सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने बताया कि फाइलेरिया के कीटाणु (माइक्रोफाइलेरिया वार्म) रात में ही सक्रिय होता है और ब्लड में आसानी से इसकी पहचान हो सकती है। यही कारण है कि इसकी जांच के लिए नाइट ब्लड सर्वे के तहत जांच की जाती है।
11 बजे निरीक्षण के लिए पहुंचे
बता दें कि जिले भर में कैंप लगाकर स्वास्थ्य टीम में जांच कर रही हैं। इसी का निरीक्षण करने वह करीब 11 बजे पलिया सीएससी के अंतर्गत ग्राम मुरादखेड़ा पहुंचे, वहां पर रात्रि रक्त सर्वेक्षण प्रहरी स्थल गतिविधि का निरीक्षण किया।
संतोष गुप्ता ने जांच करने के लिए किया प्रेरित
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 20 मिनट तक रुक कर डॉ संतोष गुप्ता ने स्थानीय ग्रामीणों से बात भी की और फाइलेरिया की जांच करवाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्वास्थ्य टीम से भी आ रही समस्याओं की जानकारी की। इस दौरान उनके साथ एसीएमओ डॉ रवी मोहन गुप्ता, डीपीएम अनिल यादव और कार्तिकेय मिश्रा मौजूद है।
मौजूद रहे ये लोग
बताते चलें कि इस दौरान डॉ. संतोष गुप्ता के साथ डीपीएम अनिल यादव, एसीएमओ डॉ. रविमोहन गुप्ता, एलटी अजय राय, पर्यवेक्षक राजीव मौर्या, एएनएम रीता कुमारी, स्टेनो कार्तिकेय मिश्रा, काउंसलर अंकित दीक्षित, आशा सोनमती समेत अन्य स्टाफ मौजूद रहे।
नाइट ब्लट सर्वे का उद्देश्य
नाइट ब्लट सर्वे का उद्देश्य मधुमेह के निदान और प्रबंधन में मदद करना और रक्तचाप व अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की जांच करना है। इसके अलावा रात के समय रक्त में विभिन्न घटकों की जांच करना है।
नाइट ब्लड सर्वे एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जांच है जो मधुमेह, रक्तचाप, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के निदान और प्रबंधन में मदद करती है। यह सर्वे स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।