

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में सम्भागीय परिवहन कार्यालय में दलाली का कारोबार जारी है। जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
चित्रकूट के RTO में दलाली का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा
चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में सम्भागीय परिवहन कार्यालय (RTO) में इन दिनों दलाली का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। लाइसेंस बनवाने और गाड़ियों के फिटनेस करवाने के नाम पर ग्राहकों को दलालों के माध्यम से काम करवाने पर मजबूर किया जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, के बाहर खुलेआम दलालों की दुकानें सजी हुई हैं, जहां से उनके कर्मचारी और एजेंट ग्राहकों से काम कराने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। यह स्थिति कार्यालय की भ्रष्टाचार और काले धन के कारोबार की पोल खोलती है।
संबंधित कार्यालय के बाहर लगे दलालों की दुकानों पर कई लोग अपने काम के लिए आते-जाते दिखे। ये दलाल बिना किसी हिचकिचाहट के अपने काम को अंजाम देने में लगे हुए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दिख रहा है कि कार्यालय के भीतर भी दलाल धड़ल्ले से काम कर रहे हैं। कैमरे में कैद हुई इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कार्यालय के कर्मचारी भी दलालों के साथ मिलकर अवैध कामों में संलिप्त हैं।
खास बात यह है कि गाड़ी की फिटनेस जांच के दौरान भी भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। वीडियो में दिख रहा है कि सम्भागीय कार्यालय में तैनात कर्मचारी अरविंद गाड़ी की सीनिंग के नाम पर पीड़ित व्यक्ति से 150 रुपये की घूस मांग रहा है। पीड़ित व्यक्ति ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है। यह घटना भ्रष्टाचार और घूसखोरी की ओर संकेत करती है, जो कार्यालय की कार्यशैली को पूरी तरह से खराब कर रही है।
लोगों का आरोप है कि कार्यालय के आरटीओ विवेक शुक्ला की देखरेख में यह सब हो रहा है। बताया जा रहा है कि कोई भी कार्य बिना पैसे के नहीं हो रहा है। लोग अपने वाहन का फिटनेस कराना चाहते हैं तो उन्हें कई बार कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। यदि वे पैसे दे देते हैं तो उनका काम तुरंत हो जाता है, लेकिन यदि पैसे नहीं देते हैं तो उन्हें दौड़ाया जाता है और काम में देरी कराई जाती है। इससे स्पष्ट है कि कार्यालय में भ्रष्टाचार का माहौल व्याप्त है।
इस संबंध में जिले के प्रभारी मंत्री ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। साथ ही, उन्होंने सख्त कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है। यह कदम भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगाने और कार्यालय में पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।