

सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने एक ऐसा विवादित बयान दिया, जिससे उत्तर प्रदेश के कई जातियों के लोगों बीच उबाल बढ़ गया। सावन के समय जहां कांवड़ यात्रा निकलती हैं, उसी दौरान राजनीति सिर्फ चंद्रशेखर आज़ाद की वजह से गरमा गई।
चंद्रशेखर आज़ाद
Lucknow News: आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने शनिवार को लखनऊ में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला। चौक स्थित कन्वेंशन सेंटर में आयोजित "मुस्लिम संवाद कार्यक्रम" में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर धार्मिक भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह संवाद नहीं, बल्कि "आंदोलन की शुरुआत" है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक चंद्रशेखर ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, "इस देश में अल्पसंख्यकों के साथ खुला भेदभाव हो रहा है। धार्मिक आधार पर अधिकार छीने जा रहे हैं। एक महीना कांवड़ यात्रा निकलती है, सड़कों पर लोग चलते हैं, किसी को दिक्कत नहीं होती। मगर ईद पर मुसलमान अगर एक पैर भी सड़क पर रखें तो पुलिस तुरंत पीछे पड़ जाती है। क्या यही न्याय है?"
"ये सिर्फ संवाद नहीं, आंदोलन की शुरुआत है"
कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज आज वक्फ के मुद्दे पर निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन कल यही स्थिति जैन, क्रिश्चियन और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ भी हो सकती है। उन्होंने आगे कहा, "मुसलमानों को बार-बार ठगा जा रहा है। अब समय आ गया है कि एकजुट हों। ये सिर्फ संवाद नहीं, आंदोलन की शुरुआत है। यहां से नया इतिहास लिखा जाएगा।"
"नकारात्मक राजनीति के खिलाफ संघर्ष शुरू होगा"
चंद्रशेखर ने भाजपा और राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आज की राजनीति समाज को बांटने और कमजोर करने वाली है। उन्होंने लोगों से अपील की कि सिर्फ भाजपा को हराने के बारे में न सोचें, बल्कि आजाद समाज पार्टी को मजबूत करने में ऊर्जा लगाएं। उन्होंने आगे कहा, "शोषण सिर्फ यादवों का नहीं हो रहा, लोधी, कुर्मी, साहू और सभी वंचितों को कुचला जा रहा है। अब यह संघर्ष सिर्फ बातों का नहीं होगा, बल्कि ज़मीनी लड़ाई होगी।"
"कुर्सी छोड़ क्यों नहीं देते?"
धामपुर में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों को बंद कराए जाने की घटना का ज़िक्र करते हुए चंद्रशेखर ने कहा, "चाय और नाई की दुकानें बंद कराई गई, सिर्फ इसलिए कि वो मुसलमानों की थी। ये संविधान के खिलाफ है। अगर सरकार संविधान की रक्षा नहीं कर सकती तो मुख्यमंत्री कुर्सी छोड़ क्यों नहीं देते?"
“जीवन की आखिरी सांस तक लड़ूंगा”
चंद्रशेखर ने भावनात्मक अंदाज में कहा, "मैं जीवन की आखिरी सांस तक पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और पीड़ितों के साथ खड़ा रहूंगा। यह केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं है, यह सामाजिक न्याय और अस्तित्व की लड़ाई है।"