

पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के कुंडा खुर्द और कुंडा कला गांव का मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने दौरा किया। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
गंगा कटान रोकने के लिए चल रहे कामों को देखने पहुंचे मंत्री स्वतंत्र देव सिंह
चंदौली: गंगा नदी के कटान को रोकने के लिए सरकार द्वारा 8.31 करोड़ रुपये की लागत से संचालित परियोजना की समीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के कुंडा खुर्द और कुंडा कला गांव का दौरा किया। इस परियोजना के तहत 400 मीटर क्षेत्र में लोहे की जाली के भीतर बड़े पत्थरों (बोल्डर) को लगाया जा रहा है ताकि कटान को रोका जा सके।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मंत्री ने स्थल निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कार्य में गंभीर खामियां पाई और मौके पर मौजूद एक्जीक्यूटिव इंजीनियर समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। मंत्री ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर कार्य की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि निर्माण में उपयोग हो रहे सामग्री की गुणवत्ता और मानक से कोई समझौता न किया जाए।
निरीक्षण के दौरान मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने मजदूरों की कम संख्या पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि मजदूरों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके। मंत्री ने कहा कि यह परियोजना स्थानीय लोगों की जमीन और घरों को कटान से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है, जनता की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जा रहा है।
अधिकारियों से बातचीत करते मंत्री स्वतंत्र देव सिंह
मंत्री ने यह भी कहा कि गंगा कटान की समस्या लंबे समय से ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय रही है और इस परियोजना के पूरा होने से हजारों लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि कार्य की प्रगति पर नियमित निगरानी रखी जाएगी और समय-समय पर औचक निरीक्षण कर गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी।
इसके अलावा, आगामी बकरीद पर्व को ध्यान में रखते हुए मंत्री ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है और सरकार इस दिशा में लगातार कार्य कर रही है।
गौरतलब है कि गंगा नदी के किनारे बसे कई गांव हर साल कटान की चपेट में आते हैं जिससे जन-धन की हानि होती है। सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदमों से उम्मीद जताई जा रही है कि इस समस्या से स्थायी राहत मिलेगी।