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उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां एक गिरोह व्हाट्सएप के जरिए पेपर लीक कर 22 अभ्यर्थियों को भेजता था हल प्रश्नपत्र। चंदौली के चकिया केंद्र से गिरफ्तार आरोपी के पास से मोबाइल और प्रश्न पत्र बरामद।
चकिया केंद्र से गिरफ्तार आरोपी
Chandauli: उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने डीएलएड (Diploma in Elementary Education) परीक्षा में नकल कराने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। वाराणसी यूनिट की टीम ने चकिया क्षेत्र से गिरोह के एक सक्रिय सदस्य अभिषेक यादव को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी परीक्षा केंद्र के बाहर से व्हाट्सएप के जरिए प्रश्न पत्र हल कर अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का काम कर रहा था। पकड़े गए आरोपी के पास से मोबाइल फोन, डीएलएड परीक्षा का प्रश्न पत्र और अन्य संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
एसटीएफ वाराणसी यूनिट को सूचना मिली कि चकिया स्थित आदित्य नारायण इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र के पास एक गिरोह परीक्षा के दौरान नकल कराने की योजना बना रहा है। जानकारी मिलते ही एसटीएफ इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम सक्रिय हो गई। टीम ने गुप्त रूप से इलाके में निगरानी शुरू की और कुछ देर बाद संदिग्ध गतिविधियों के चलते एक युवक को हिरासत में लिया। पूछताछ में युवक की पहचान अभिषेक यादव, पुत्र स्व. विजय बहादुर यादव, निवासी चंदौली के रूप में हुई।
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जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी अभिषेक यादव का संपर्क अरुण नामक व्यक्ति से था, जो परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र की तस्वीरें उसे भेजता था। परीक्षा शुरू होने से लगभग आधे घंटे पहले अरुण व्हाट्सएप पर अभिषेक को पेपर भेज देता था। अभिषेक यादव अपने साथियों की मदद से सवालों को हल कर 22 अभ्यर्थियों के व्हाट्सएप ग्रुप में भेज देता था, जिससे ये अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान नकल कर उत्तर लिख सकें।
एसटीएफ को आरोपी के मोबाइल में कई प्रश्न पत्रों की फोटो, अभ्यर्थियों के नाम और व्हाट्सएप चैट मिले हैं, जो गिरोह की गतिविधियों की पुष्टि करते हैं।
एसटीएफ ने मौके से अभिषेक यादव को गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ के लिए उसे वाराणसी मुख्यालय ले जाया गया। प्राथमिक पूछताछ में आरोपी ने माना कि वह कुछ समय से इस गिरोह के लिए काम कर रहा था।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
उसने यह भी बताया कि उसे प्रत्येक प्रश्न पत्र भेजने और हल कराने के बदले कमीशन मिलता था। परीक्षा के दिन गिरोह के सदस्य अलग-अलग केंद्रों से पेपर हासिल कर उसे भेजते थे।
एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग कर शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहा था। अभिषेक यादव जैसे सदस्य परीक्षा केंद्रों के बाहर रहकर मोबाइल और व्हाट्सएप के माध्यम से नकल कराने का काम करते थे। आरोपी द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप "DLed Help Line 22" में दर्जनों अभ्यर्थियों को जोड़ा गया था, जिन्हें हल किए गए पेपर भेजे जाते थे।
एसटीएफ इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। गिरोह में और भी लोग शामिल हैं, जो प्रश्न पत्र लीक करने और अभ्यर्थियों से पैसे वसूलने का काम करते हैं। एसटीएफ अब आरोपी के मोबाइल डाटा, कॉल रिकॉर्ड और बैंक लेनदेन की जांच कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क तक पहुंचा जा सके। सूत्रों के मुताबिक, गिरोह का नेटवर्क वाराणसी, मिर्जापुर और भदोही तक फैला हो सकता है।
एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि समय रहते कार्रवाई न होती, तो यह गिरोह सैकड़ों अभ्यर्थियों तक पेपर पहुंचा सकता था। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और एसटीएफ अब गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में दबिश दे रही है।