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                        सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भुगतान किया, जिसके बाद पुष्पेन्द्र को कथित नितेश पांडेय से 31 अक्टूबर और 3 नवम्बर को अलग-अलग विषयों के पेपर मिले, जिन्हें उसके भाई धर्मेन्द्र ने हल किया। दोनों भाइयों ने मिलकर ये साल्व पेपर परीक्षा शुरू होने से करीब 30 मिनट पहले अपने टेलीग्राम ग्रुप पर अपलोड कर दिए।
                                            दोनों सगे भाई आरोपी है, जिनको यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया
Lucknow: उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने डीएलएड (Diploma in Elementary Education) परीक्षा अक्टूबर 2025 के पेपर लीक प्रकरण में बड़ी कार्रवाई करते हुए अलीगढ़ से एक संगठित गिरोह के दो सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम और व्हाट्सएप के माध्यम से प्रश्न पत्र लीक कर अभ्यर्थियों से यूपीआई के जरिए भुगतान वसूल रहे थे।
दोनों आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान पुष्पेन्द्र कुमार (25 वर्ष) और धर्मेन्द्र कुमार (27 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों सगे भाई हैं और अलीगढ़ के थाना इगलास क्षेत्र के नगला हरिकरना भरतपुर गांव के रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार पुष्पेन्द्र ने बीएड किया है जबकि धर्मेन्द्र बीटीसी और एमए पास कर एक निजी कॉलेज में डीएलएड शिक्षक के रूप में कार्यरत है।
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कहां से हुई दोनों की गिरफ्तारी?
एसटीएफ ने बताया कि लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ संगठित गिरोह सोशल मीडिया के जरिए डीएलएड परीक्षा के प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले बेचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद एडीजी एसटीएफ के आदेश पर एएसपी विशाल विक्रम सिंह के पर्यवेक्षण में एसटीएफ मुख्यालय की साइबर टीम को सक्रिय किया गया। तकनीकी निगरानी और मुखबिरों की मदद से 3 नवम्बर की रात अलीगढ़ जिले के इगलास क्षेत्र में मथुरा रोड तिराहे के पास दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपियों के कब्जे से क्या-क्या मिला?
गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक एटीएम कार्ड, एक पैन कार्ड, तीन आधार कार्ड (एक फर्जी) और 201 डिजिटल स्क्रीनशॉट बरामद किए गए हैं। इन स्क्रीनशॉट्स में परीक्षा प्रश्नपत्रों की कॉपी और यूपीआई पेमेंट ट्रांजैक्शन की जानकारी शामिल है।
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पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
पूछताछ में पुष्पेन्द्र कुमार ने कबूल किया कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर “नितेश पांडेय” नाम के एक व्यक्ति के संपर्क में आया, जिसने उसे आश्वस्त किया कि वह डीएलएड परीक्षा के प्रश्नपत्र परीक्षा से पूर्व उपलब्ध करा सकता है। इसके बाद पुष्पेन्द्र ने खुद एक टेलीग्राम ग्रुप बनाकर 26 अक्टूबर को उसमें संदेश प्रसारित किया कि जो परीक्षार्थी प्रश्नपत्र और उत्तर चाहते हैं, वे उसके यूपीआई nxg55krishna@axl पर 3500 रुपये जमा करें।
भाई ने ही भिजवा दिया जेल
सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भुगतान किया, जिसके बाद पुष्पेन्द्र को कथित नितेश पांडेय से 31 अक्टूबर और 3 नवम्बर को अलग-अलग विषयों के पेपर मिले, जिन्हें उसके भाई धर्मेन्द्र ने हल किया। दोनों भाइयों ने मिलकर ये साल्व पेपर परीक्षा शुरू होने से करीब 30 मिनट पहले अपने टेलीग्राम ग्रुप पर अपलोड कर दिए। धर्मेन्द्र ने भी स्वीकार किया कि उसने अपने भाई के कहने पर साल्व पेपर तैयार किए और इसके बदले में लगभग 50 हजार रुपये यूपीआई के माध्यम से प्राप्त किए।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। इनके खिलाफ थाना इगलास, जनपद अलीगढ़ में धारा 112 बीएनएस 2023, धारा 13 यूपी सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम 2024 तथा धारा 66(डी) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह प्रदेश के कई जिलों में फैला हो सकता है।