कौन हैं वो दिग्गज भाजपा सांसद, जिन्होंने खुद को बताया सबसे बड़ा गुंडा और बदमाश

कानपुर देहात में बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी के बीच दिशा समिति की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। भोले का “मैं सबसे बड़ा बदमाश और हिस्ट्रीशीटर हूं” बयान वायरल हो गया है। दोनों नेताओं के बीच वर्चस्व की पुरानी जंग एक बार फिर सतह पर आ गई है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 5 November 2025, 2:54 PM IST
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Kanpur: उत्तर प्रदेश की सियासत में बयानबाजी और गुटबाज़ी का दौर कोई नया नहीं है, लेकिन इस बार मामला सत्तारूढ़ दल बीजेपी के भीतर का है। अकबरपुर से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वे खुद को कानपुर देहात का सबसे बड़ा बदमाश और हिस्ट्रीशीटर बताते नजर आ रहे हैं। यह विवादास्पद बयान किसी आम मंच से नहीं, बल्कि जिले की दिशा समिति की आधिकारिक बैठक के दौरान आया, जहां बीजेपी के दो बड़े नेता आमने-सामने भिड़ गए।

बैठक में भिड़े बीजेपी के दो नेता

दरअसल, बैठक के दौरान पूर्व सांसद और प्रदेश सरकार में मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति अनिल शुक्ला वारसी ने सांसद भोले पर समिति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। वारसी ने कहा कि भोले अपने चहेतों को समिति में शामिल करा रहे हैं, आम जनता को अपमानित कर रहे हैं और स्थानीय फैक्ट्री मालिकों से वसूली करवा रहे हैं। उन्होंने तीखे लहजे में कहा, “भोले अपने लोगों को घुसाकर झूठे मुकदमे लिखवा रहे हैं। इन्हें इलाज की जरूरत है, ये तो यहां के गुंडों के चेयरमैन हैं।”

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वारसी के आरोपों के बाद बैठक का माहौल गर्मा गया। सांसद भोले ने पलटवार करते हुए कहा कि वारसी हर चुनाव से पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं और अफसरों को दबाव में लाने की राजनीति करते हैं। बहस इतनी बढ़ी कि दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। अधिकारियों को बीच-बचाव करना पड़ा और बैठक बीच में ही स्थगित करनी पड़ी।

 

भोले बोले- “मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं”

मीडिया से बात करते हुए सांसद भोले ने कहा, “मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं है… मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं।” उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनके खिलाफ जो भी मुकदमे दर्ज हुए, वे राजनीतिक रंजिश के तहत पिछली सरकारों ने लगाए थे और बाद में उन्हीं सरकारों ने केस खत्म भी कर दिए। भोले ने कहा, “मैंने कभी जनता के खिलाफ काम नहीं किया। जो भी लोग मेरी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, वे वही पुराने चेहरे हैं जिनकी राजनीति जनता पहले ही खारिज कर चुकी है।”

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अफसरों को करनी पड़ी दखलअंदाजी

बैठक में जब माहौल हाथ से निकलने लगा तो पुलिस अधीक्षक और अपर एसपी को मौके पर हस्तक्षेप करना पड़ा। अफसरों ने दोनों पक्षों को अलग कर माहौल शांत किया। हालांकि, झगड़े की वजह से जिले के विकास कार्यों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक अधूरी ही रह गई।

पुराना है दोनों नेताओं का वर्चस्व संघर्ष

यह विवाद कोई नया नहीं है। सांसद भोले और पूर्व सांसद वारसी के बीच वर्चस्व की लड़ाई लंबे समय से चल रही है। मंत्री प्रतिभा शुक्ला, जो वारसी की पत्नी हैं, कुछ महीनों पहले जिले में अपने ही संगठन के खिलाफ धरने पर बैठ गई थीं। उस समय भी चर्चा थी कि धरना, सांसद भोले से उनकी नाराजगी का इशारा है।

वारसी के पुराने बयान भी चर्चा में

यह पहली बार नहीं है जब वारसी ने भोले पर हमला बोला हो। जुलाई में वारसी का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे कहते नजर आए, “अगर मेरी पत्नी मंत्री न बनी होती, तो मैं खुद 2024 का चुनाव लड़कर भोले सिंह को उनकी औकात दिखा देता।” एक अन्य वीडियो में वे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से बात करते नजर आए थे, जिसमें उन्होंने सरकार पर ब्राह्मण समाज की उपेक्षा का आरोप लगाया था।

इस बातचीत के बीच ही डिप्टी सीएम ने फोन काट दिया था। बीजेपी के भीतर बढ़ते इस खुले टकराव ने पार्टी नेतृत्व को असहज कर दिया है। अब देखना होगा कि पार्टी हाईकमान इस विवाद पर क्या कार्रवाई करता है या इसे “आंतरिक मामला” कहकर टाल देता है।

Location : 
  • Kanpur

Published : 
  • 5 November 2025, 2:54 PM IST